पूर्वी चंपारण। जिले के प्रमुख सीमाई शहर रक्सौल से 14 फरवरी को कांठमांडु के लिए पदयात्रा निकलेगी।
इसको लेकर राष्ट्रीय एकता परिषद के सदस्यो का रक्सौल का पहुंचना शुरू हो गया है।जिसमे बिहार के साथ ही केरल, महाराष्ट्र,बंगाल,उड़ीसा व पंजाब समेत देश के विभिन्न प्रदेशों से आये करीब 200 से ज्यादा सदस्य शामिल है।पदयात्रा के पूर्व रक्सौल पहुंचकर प्रसिद्ध गांधीवादी राज गोपाल पीवी मंगलवार को एक गोष्ठी को संबोधित करेगे।इसके बाद उनके नेतृत्व में 14 फरवरी को रक्सौल से पद यात्रा करते हुए 200 से ज्यादा गांधी वादी, अहिंसावादी और मानवता वादी कार्यकर्ता नेपाल प्रवेश करेंगे, जहां वीरगंज स्थित शंकराचार्य गेट पर उनका स्वागत किया जायेगा। जिसके बाद सभी सदस्य करीब 12 किलो मीटर पद यात्रा करते हुए नेपाल के परवानीपुर पहुंचेगे।इसकी जानकारी देते हुए राष्ट्रीय एकता परिषद के उपाध्यक्ष सह बिहार के संयोजक प्रदीप प्रियदर्शी ने बताया कि राष्ट्रीय एकता परिषद के संस्थापक पीवी राज गोपाल के नेतृत्व में यह पदयात्री सत्याग्रह भूमि चंपारण को नमन कर अंतर्राष्ट्रीय सीमा से नेपाल में पद यात्रा शुरु करेंगे।
उन्होने बताया कि चंपारण गांधी की कर्मभूमी है,वही नेपाल की धरती बुद्ध की धरती है। ऐसे में पदयात्रा के माध्यम से लोगो को गांधी और बुद्ध के मार्ग पर चलने को प्रेरित किया जायेगा,ताकि दुनियां में करुणा, मैत्री, शांति, अहिंसा, मानवता, सामाजिक न्याय की स्थापना हो सके। उन्होने बताया कि सभी पदयात्री अगामी 15 फरवरी से 19 फरवरी तक कांठमांडु में आयोजित गांधी से बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय समागम में हिस्सा लेगे। जिसमे नेपाल समेत दुनिया के कई देश के प्रतिनिधि शिरकत करेगे।
इस समागम में सभी प्रतिनिधि गांधी की अहिंसा और बुद्ध की शांति के विचार और उसकी प्रासंगिकता पर गहन विमर्श करेगे।कार्यक्रम में नेपाल के गांधीवादी चिंतक व सत्याग्रह संस्था के संस्थापक चन्द्रकिशोर, सामुदायिक आत्मनिर्भर केन्द्र के अध्यक्ष जगत बस्नेत, भूमि अधिकार मंच के जगत देउजा, कल्पना कार्की सहित अन्य शामिल होगे।