रांची। इक्फाइ विश्वविद्यालय ने मातृभाषा के महत्व को चित्रित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते हुए मातृभाषा दिवस मनाया। छात्रों ने कैनवास पर मातृभाषा के प्रतिबिंब को चित्रित करने के लिए रचनात्मक पक्ष सामने लाया। इक्फाइ लिट्रेचर क्लब नामक साहित्य क्लब का भी उद्घाटन किया गया। क्लब के संयोजक सहायक प्रो अमित चतुर्वेदी ने कहा कि यह क्लब अकादमिक अंतराल को भरने और डिजाइन की गयी गतिविधियों को क्लब गतिविधि कक्षाओं में शामिल करने के लिए खुद को स्थापित करेगा।
क्लब एक ऐसा मंच भी है, जहां छात्र राजनीति, प्रौद्योगिकी, कानून, प्रबंधन, दर्शन, आध्यात्मिकता, परोपकार आदि पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री मधु मंसूरी हसमुख ने कहा कि भारत एक विविध राष्ट्र है और हमें अपनी भाषा विविधता पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने गीत भी गाया, जिसका शीर्षक था- गांव छोड़ें नहीं, जंगल छोड़ें नहीं।
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ प्रोफेसर देव व्रत सिंह ने मातृभाषा के महत्व को समझाया। ऑल इंडिया रेडियो भोपाल की डॉ कीर्ति सिंह ने कहानी के माध्यम से दूरदराज के गांव में पैदा हुए बच्चे और शहरी परिवेश में पैदा हुए बच्चे के जीवन की तुलना की। कुलपति डॉ रमन कुमार झा ने कहा कि हम सभी को अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच संतुलन लाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने हिंदी में कविता भी प्रस्तुत की। कार्यक्रम संयोजक अमित चतुर्वेदी समेत अन्य मौजूद थे।