पटना । बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने मंगलवार को भारी हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य वेल में पहुंच गए और जोरदार हंगामा किया। विपक्षी सदस्य केके पाठक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। साथ ही नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा पर विरोध जता रहे थे।

आज विपक्ष ने केके पाठक के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रखी थी। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा के बाहर पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर माले विधायकों के साथ केके पाठक के खिलाफ पोस्टर लेकर खड़ा थे और माले के विधायकों के साथ केके पाठक के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा लिए जाने का विरोध जता रहे थे।

स्पीकर के सदन में पहुंचने के बाद जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई राजद, माले और कांग्रेस के विधायक केके पाठक पर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे और वेल में पहुंच गए। स्पीकर बार-बार कहते रहे कि जो भी मुद्दा है उसे प्रश्नोत्तर काल के बाद उठाइएगा लेकिन विपक्ष के विधायक सुनने को तैयार नहीं थे।

विपक्षी सदस्यों का कहना था कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के नाम पर उन्हें प्रताड़ित कर रही है। सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में विपक्ष ने जोरदार तरीके से नियोजित शिक्षकों की परीक्षा और केके पाठक के फैसले पर सवाल उठाया।

माले विधायक सत्यदेव राम सीएम नीतीश के टेबल के पास पहुंच गए और उनसे अपनी बात कही। स्पीकर के निर्देश पर विपक्ष के सदस्य अपने स्थान पर बैठ गए, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसपर जवाब देना पड़ा। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को भरोसा दिलाया कि वे केके पाठक से बात करेंगे।

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