राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधान केंद्र खुला
अन्नदाताओं के साथ मिलकर नये भारत को गढने का संकल्प लेने की जरूरत
रांची/नयी दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधान केंद्र, नयी दिल्ली के नवनिर्मित अनुसंधान-प्रशासनिक भवन का उद्घाटन बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया। इस अवसर पर श्री मुंडा ने कहा कि यह केंद्र फसलों में लगने वाले कीटों और रोगों के प्रबंधन के लिए इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आशा करता हूं कि इससे देश को लाभ मिलेगा। इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट के जरिये ऐसी फसल होगी, जिसमें रोग की गुंजाइश न रहे और रसायन-पेस्टीसाइड की आवश्यकता भी कम से कम पड़े, क्योंकि मिट्टी की गुणवत्ता बनाये रखना बहुत जरूरी है। यही हमारे जीवन का आधार है।
श्री मुंडा ने कहा कि आज जरूरत अन्नदाताओं के साथ मिलकर नये भारत को गढ़ने का संकल्प लेने की है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकसित भारत का निर्माण करते हुए वर्ष 2047 तक हम गर्व से कह सके कि हम खाद्यान्न उत्पादन में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं और हमारे यहां विदेश से दलहन-तिलहन नहीं आता है। हमने प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाया है। आर्गेनिक खेती में भी सफलता अर्जित की है। केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि आज हमारे यहां खाद्यान्न उत्पादन पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन एक समय था, जब देश में जरूरत के हिसाब से भी खाद्यान्न नहीं हो पाता था। तब देश में हरित क्रांति नाम से अभियान चलाया गया। इसके माध्यम से खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा और आज हम इस स्थिति तक पहुंचे, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने समय के साथ कुछ जरूरी चीजों का मूल्यांकन नहीं किया। जिस वजह से आज महसूस हो रहा है कि जिस जमीन से हम अन्न उपजाते हैं, वह जहरीली होती जा रही है। यह मानव जीवन के लिए भी नुकसानदायक है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस बात पर विशेष जोर है कि हम खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बने, साथ ही हमारे खाद्यान्नों की गुणवत्ता अच्छी हो, पौष्टिकता से भरपूर हो और मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहे। आज बहुत से राज्यों में जल स्तर नीचे चला गया है, जिसके कारण कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। ऐसे में हमारे सामने विकल्प क्या है, इसका समाधान क्या हो सकता है, इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने दिया मातृशक्ति को सम्मान
श्री मुंडा ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करके मातृशक्ति को समान अधिकार देने का काम किया गया है। खेती- किसानी में स्वयं सहायता समूह, एफपीओ, सहकार से समद्धि अभियान के माध्यम से समान अवसर देना सुनिश्चित किया है। वहीं, दूसरी ओर जलवायु परिवर्तन से लड़ऩे, मिट्टी की रक्षा करने, किसानों का मान बढ़ाने, छोटे किसानों तक पहुंचकर सहकार से समृद्धि का आंदोलन खड़ा करते हुए खुशहाल परिवार के संकल्प को साकार किया जा रहा है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत की गयी है। आज महाराष्ट्र की धरती से देश के करोड़ों किसानों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री 21 हजार करोड़ रुपये की राशि अंतरित करेंगे।
कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
समारोह को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी, डेयर के सचिव डॉ हिमांशु पाठक, डॉ तिलक राज शर्मा, डॉ सुभाष चंद्र, डॉ एके सिंह, डीके यादव समेत अन्य मौजूद थे।