रांची। जेएसएससी पेपर लीक मामले में मंगलवार को गिरफ्तार झारखंड विधानसभा के अवर सचिव मोहम्मद शमीम और उसके दोनों बेटों शहजादा और शाहनवाज को रांची सिविल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। तीनों को नगड़ी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था।
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में पता चला है कि इस पेपर लीक कांड में रांची से लेकर पटना तक के सरकारी अफसरों, कोचिंग संचालकों और धंधेबाजों का बड़ा नेटवर्क सक्रिय था। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि गिरफ्तार किए गये झारखंड विधानसभा के अवर सचिव मो. शमीम और उनके दो बेटों ने छह अभ्यर्थियों को परीक्षा के पहले 27-30 लाख रुपये में पर्चे उपलब्ध कराए थे।
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले में बिहार विधानसभा के कर्मी मोहम्मद रिजवान की भी संलिप्तता सामने आयी है। रिजवान गिरफ्तार अवर सचिव का दामाद है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसआइटी की टीम ने पटना के अनीसाबाद स्थित उसके घर में छापेमारी की लेकिन वह फरार मिला।
पुलिस ने बताया कि पहले तो मो. शमीम ने पेपर लीक कांड में अपनी संलिप्तता से इंकार किया लेकिन जैसे-जैसे सबूत पेश किये गये, वह राज उगलता चला गया। मो. शमीम ने बताया कि जेएसएससी पेपर लीक मामले में छह अभ्यर्थियों से डीलिंग हुई थी। सौदा 27 से 30 लाख में तय हुआ था। दो अभ्यर्थियों की परीक्षा 28 को हुई थी। परीक्षा से दो दिन पहले ही दोनों को पटना भेज दिया गया था। पटना में मो. शमीम के दामाद रिजवान ने उनके रहने की व्यवस्था की थी। दोनों को परीक्षा के पहले ही उत्तर याद करा दिया गया था। इसके बाद उन्हें सेंटर तक छोड़ा गया। एक अभ्यर्थी का सेंटर धनबाद और दूसरे का रांची में था।
पेपर लीक कांड में गिरफ्तार आरोपितों ने 28 की परीक्षा में शामिल दोनों अभ्यर्थियों का नाम और पता भी पुलिस को बता दिया है। पुलिस दोनों की तलाश में जुटी है। एसआईटी की टीम जेएसएससी पेपर लीक कांड में परीक्षा लेने वाली एजेंसी सतवंत इंफो प्राइवेट लिमिटेड के कर्मियों से पूछताछ करेगी। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कहीं इस कांड में परीक्षा लेनी वाली एजेंसी के कर्मी और अधिकारी भी तो शामिल नहीं हैं।