महाकुम्भनगर। बौद्ध महाकुम्भ यात्रा में म्यांमार से आए डाॅ. भदंत नागवंशा ने कहा कि हम बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघम् शरणम गच्छामि के संदेश को जन—जन तक पहुंचायेंगे। उन्होंने कहा कि बौद्ध व सनातन में काफी समानता है। बुद्ध भगवान ने त्रिपिटक में सनातन के बारे में बहुत लिखा है। महाकुंभ में हम बौद्ध व सनातनी एक साथ आए हैं और कदम मिलाकर चल रहे हैं। हम एक थे एक हैं और एक रहेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में नागवंशा ने कहा कि बौद्ध व सनातनी मिलकर करुणा मैत्री और शांति का संदेश देंगे और दुनिया को प्यार से जीतेंगे। हम लोगों की जिम्मेदारी है कि विघटनकारी शक्तियां समाज को खण्डित न कर पाएं। उन्होंने कहा कि हिन्दू और बौद्ध मिलकर विकसित भारत बनाएं। भारत को विकसित बनाने के लिए समाज की मानसिकता जब तक नहीं बदलेगी तब तक बदलाव नहीं होगा। इसके लिए समाज की मानसिकता बदलनी पड़ेगी।

तीर्थराज प्रयाग में स्वागत सत्कार व कुंभनगरी की दिव्यता भव्यता देखकर अभिभूत भदंत नागवंशा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए कहा कि महाकुंभ से अभी मन भरा नहीं है। यहां पर चार दिन कब बीत गए पता नहीं चला। मोदी व योगी ने भंते लोगों को यहां आने का अवसर दिया।

हम अपने देशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद बोलना चाहते हैं।

डाॅ. भदंत नागवंशा ने कहा कि भारत में सब कुछ है। हम भगवान बुद्ध की भूमि भारत में ही रहना चाहते हैं। यह हमें अच्छा लगता है। भारत में बौद्ध धर्म को सरकार की ओर से भी काफी सहयोग मिलता है। बौद्ध धर्म में गंगा स्नान के महात्म्य के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि स्नान करने से तो सब साफ होता है। स्नान करने के पीछे यह उद्देश्य रहता है कि मन की शुद्धि और पाप को छोड़ने के लिए। गंदगी मानसिकता को भी साफ करना है। जब सफाई नहीं करेगा तब तक गंदगी दुनिया में घूमेगा।

म्यामांर में हिन्दू बौद्ध एकता के बारे में कहा कि वहां हिन्दू बौद्ध साथ—साथ मिलकर रहते हैं। महाकुम्भ में पहली बार हिन्दू बौद्ध एकता का इस प्रकार का प्रयास हुआ है। योगी की तरफ से यह आयोजन किया गया। हम कहेंगे कि मोदी के बाद योगी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए और उत्तर प्रदेश में योगी जैसा कोई दूसरा मुख्यमंत्री बनना चाहिए।

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