– लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल परियोजना की टीम सम्मानित
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को तेलंगाना में डीआरडीओ के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। उन्हें रिसर्च सेंटर इमारत की मिसाइल प्रौद्योगिकियों और संबंधित कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी गई। स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों के डिजाइन और विकास के केंद्र में राजनाथ सिंह ने लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल परियोजना की टीम को भी सम्मानित किया। पिछले साल नवंबर में इसके सफल परीक्षण ने भारत को हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमताओं वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है।

वैज्ञानिकों से बातचीत करते हुए रक्षा मंत्री ने भारत की रक्षा क्षमताओं में उनके अद्वितीय योगदान के लिए उनकी सराहना की और विश्वास जताया कि ठोस प्रयासों से भारत 2027 तक शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा। उन्होंने वैज्ञानिकों से समर्पण और ईमानदारी के साथ काम करते हुए अपनी परियोजनाओं में तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिवर्तन को शामिल करने का आह्वान किया। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से मिसाइल विकास में पूर्व राष्ट्रपति के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

अपने संबोधन में डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास और यह सुनिश्चित करने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता दोहराई कि भारत ‘आत्मनिर्भर’ बनने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी में अग्रणी भी बने। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस दृष्टिकोण को साकार करने का प्रयास करेगा कि रक्षा प्रणालियां भारत में बनाई जाएं और दुनिया के लिए बनाई जाएं। इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी भी मौजूद थे।

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