गाजा पट्टी। आतंकवादी समूह हमास ने आज इजराइल के तीन बंधकों को अपनी कैद से मुक्त कर दिया। आतंकी संगठन और इजराइल के बीच हुए संघर्ष विराम और बंधक रिहाई समझौते के अंतर्गत यह संभव हो पा रहा है। दोनों पक्षों के इस रुख से सैकड़ों परिवार के सदस्यों के चेहरों पर मुस्कान बिखर चुकी है। समझौते के तहत अब इजराइल 183 फिलिस्तीनियों को रिहा करेगा। इनमें 18 आतंकवादी भी हैं। यह आतंकी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

द टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, रिहा किए गए इजराइली बंधकों के नाम 56 वर्षीय ओहद बेन अमी, 52 वर्षीय एली शर्बी और 34 वर्षीय ऑर लेवी हैं। हमास के हथियारों से लैस नकाबपोश आतंकवादियों ने सबसे पहले ओहद बेन अमी को अपने मंच पर पहुंचाया। इसके बाद शर्बी और लेवी को वहां ले गए। तीनों को बारी-बारी से आभार संबोधन पढ़ने का आदेश दिया गया। मंच पर तीनों को शिनाख्त परेड के बाद रेडक्रॉस को सौंप दिया गया। इस दौरान रेडक्रॉस के दो अधिकारियों से इस आशय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराए।

इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा है कि रेडक्रॉस के अधिकारी तीनों को लेकर निकल पड़े हैं। आईडीएफ और शिनबेट के अधिकारी तीनों नागरिकों का इंतजार कर रहे हैं। द टाइम्स ऑफ इजराइल समाचार पत्र के अनुसार, इस मौके पर मुखौटा पहने हमास के आतंकवादियों ने उग्र भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को स्पष्ट संदेश दिया कि गाजा पर कब्जा आसान नहीं।

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