– क्यूबीए और सीआईआई के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
– इन्वेस्ट कतर और इन्वेस्ट इंडिया के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-कतर की भावी साझेदारी का आधार स्थिरता, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता तथा ऊर्जा है। वह मंगलवार को यहां भारत-कतर संयुक्त व्यापार मंच के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी इस सत्र के मुख्य अतिथि थे।

गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी विश्वास, व्यापार और परंपरा की बुनियाद पर टिकी है। उन्होंने कहा कि व्यापार की शर्तें बदल रही हैं, ऊर्जा व्यापार से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), क्वांटम कंडक्टिंग, सेमीकंडक्टर आदि जैसी उभरती हुई तकनीकें भी इसमें शामिल हैं। भू-राजनीतिक तनाव, जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा खतरों और दुनिया भर में स्थानीयकरण पर ध्यान केंद्रित करने के संदर्भ में सम्‍पूर्ण विश्‍व एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।

उन्‍होंने कहा कि भारत और कतर एक दूसरे के पूरक हैं और समृद्धि तथा बेहतर भविष्य के लिए संयुक्‍त रूप से कार्य कर सकते हैं। दोनों देश मिलकर व्यापार, निवेश के मामले में बदलाव के लिए तैयार हैं। उन्होंने कतर व्यवसायी संघ (क्यूबीए) तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के बीच हस्ताक्षरित दो समझौता ज्ञापनों तथा इन्वेस्ट कतर और इन्वेस्ट इंडिया के बीच हस्ताक्षरित एक अन्य समझौता ज्ञापन का भी उल्‍लेख किया। गोयल ने इस मौके पर व्यापार और वाणिज्य पर संयुक्त कार्य समूह को मंत्री स्तर पर उन्नत करने की भी घोषणा की।

पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि आज चाहे बड़े देश हों या वैश्विक मंच, भारत के प्रति विश्वास पहले से कहीं अधिक मजबूत है। उन्होंने व्यापार जगत प्रमुखों से उसी भावना और आत्मविश्वास के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत एक जीवंत अर्थव्यवस्था, युवा आबादी के साथ एक समृद्ध जनसांख्यिकी, व्यापार के हर क्षेत्र में सुधार के अलावा कारोबार में सुगमता पर ध्यान केंद्रित करने और अपने औद्योगिक विकास केंद्रों में गुणवत्ता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि भारत आज स्थिरता, विश्वसनीयता और निरंतरता का सर्वाधिक अनुकूल स्थल है।

गोयल ने कतर की कंपनियों को निवेश, विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट शहरों के विस्तार और बुनियादी ढांचे के विकास में भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए भी आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि कतर विजन 2030 और विकसित भारत 2047 दृष्टिकोण दोनों देशों के लोगों के लिए एक साथ मिलकर एक व्यापक और उज्ज्वल भविष्य को परिभाषित करेंगे।

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