नई दिल्ली। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखने वाले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता कामेश्वर चौपाल का बीती रात यहां निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। वनवासी कल्याण केंद्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे राष्ट्रवादी संगठनों के साथ मिलकर सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले चौपाल ने यहां सर गंगाराम अस्पताल में आखिरी सांस ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कामेश्वर चौपाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कामेश्वर चौपाल को एक समर्पित रामभक्त बताया, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
शुक्रवार काे प्रधानमंत्री मोदी ने कामेश्वर चौपाल के साथ अपनी मुलाकात की एक पुरानी तस्वीर एक्स पर साझा करते हुए लिखा, “भाजपा के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपालजी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे एक अनन्य रामभक्त थे, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में बहुमूल्य योगदान दिया। दलित पृष्ठभूमि से आने वाले कामेश्वरजी समाज के वंचित समुदायों के कल्याण के कार्यों के लिए भी हमेशा याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ हैं।”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल के निधन पर शोक जताते कहा कि आज हमने एक कुशल राजनेता और समाजसेवी खो दिया।
बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य कामेश्वर चौपाल के निधन पर बिहार प्रदेश भाजपा ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है। भाजपा ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट कर श्रद्धांजलि दी। इसमें कहा गया, ”राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थायी सदस्य और विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे कामेश्वर चौपाल जी के निधन की खबर समाज के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने पूरे जीवन को धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित किया और वे मां भारती के सच्चे लाल थे।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौपाल के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य एवं 9 नवम्बर 1989 को आयोजित ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह में पूज्य संत गण की उपस्थिति में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रथम शिला रखने वाले परम रामभक्त श्री कामेश्वर चौपाल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उनका पूरा जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित रहा। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।”
कामेश्वर चौपाल का जन्म 24 अप्रैल, 1956 को बिहार के तत्कालीन सहरसा जिले (वर्तमान में सुपौल जिला) के कमरैल गांव में हुआ था। उन्होंने अपना जीवन सामाजिक और धार्मिक कार्यों में लगाया। चौपाल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1991 में भारतीय जनता पार्टी से की। 1991 में वह रोसड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े। 1995 और 2000 में बखरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। हालांकि उन्हें चुनावी सफलता नहीं मिली और 7 मई, 2002 को कामेश्वर चौपाल ने बिहार विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण की। वे 2014 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे।
कामेश्वर चौपाल ने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर की नींव के लिए पहली ईंट रखकर इतिहास रच दिया था। दलित प्रतिनिधि के रूप में उनका चयन एक बड़ा कदम था, जिसने मंदिर आंदोलन की समावेशी प्रकृति पर जोर दिया। उनके योगदान ने उन्हें हिंदुत्व और सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बना दिया।