नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कथित तौर पर बड़ी संख्या में मतदाता जोड़े जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के बीच हिमाचल प्रदेश की आबादी जितने मतदाताओं को महाराष्ट्र की मतदाता सूची में जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पांच साल में इतने मतदाता नहीं जुड़े जितने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच के समय में जोड़े गए हैं। शिरड़ी की एक बिल्डिंग में 7 हजार मतदाताओं का पंजीकरण हुआ है।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि इसमें कुछ नया नहीं था। उन्हीं बातों को दोहराया गया है जिन्हें पहले भी कहा जाता रहा है। राहुल ने चुनाव आयोग की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए और कहा कि आने वाले दिनों में चुनाव आयुक्त को तय किया जाना है और उन्हें लगता कि वे केवल समिति की बैठक में भाग ही ले पाएंंगे, भागीदारी नहीं कर पाएंंगे। उन्होंने कहा कि वे आरोप नहीं लगा रहे, सिर्फ सवाल पूछ रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची प्रदान करे। उन्हें लगता है कि ज्यादातर मतदाता उन क्षेत्रों में जोड़े गए जहां भाजपा हारती रही है।
राहुल ने अपने भाषण की शुरुआत में वैज्ञानिक प्रगति का विषय उठाया और कहा कि इस देश का भविष्य भारत के युवा तय करेंगे। आने वाले समय में बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर और ऑपटिक्स जैसे क्षेत्रों में रिवोल्यूशन ला रहे हैं। इससे दुनिया बदल रही है। इसका भागीदार बनने के लिए देश में इनका बड़े स्तर पर उत्पादन होना चाहिए। चीन इस मामले में हमसे आगे है।
उन्होंने कृत्रिम मेधा (एआई) का विषय भी उठाया और कहा कि एआई के लिए डाटा की आवश्यकता है। हमारे पास डेटा नहीं है। ज्यादार सोशल मीडिया कंपनियां अमेरिकी हैं और सारा डेटा उन्हीं के पास है। हमें एआई में आगे बढ़ने के लिए डेटा की आवश्यता है। राहुल ने डेटा का विषय जातीय जनगणना से भी जोड़ा और सरकार पर निशाना साधा।
राहुल ने कहा कि तेलंगाना का जातीय सर्वे बताता है कि वहां 90 प्रतिशत दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक हैं। भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हमें डेटा की आवश्यकता है। वे जातीय जनगणना की मांग करते हैं।