नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष व हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों को जल्दबाजी में बंद करने की बजाय सरकार को उन्हें नियमन के लिए समय देना चाहिए। ओवैसी ने संसद से बाहर कहा, “यह पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार की गलती है कि उसने बूचड़खानों को नियमित नहीं किया। (नई) सरकार को उन्हें बंद करने की बजाय नियमित किए जाने के लिए समय देना चाहिए।”
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश में न केवल अवैध, बल्कि कुछ वैध बूचड़खाने भी बंद किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “यदि सरकार काला धन जमा रखने वालों को अपनी संपत्ति घोषित करने और उसे वैध बनाने का समय दे सकती है, तो फिर बूचड़खानों को नियमित करने के लिए समय क्यों नहीं दिया जा सकता?
इसका अर्थ यह है कि वे किसी खास समुदाय को निशाना बना रहे हैं।”
ओवैसी ने कहा कि भारत से भैंस के मांस के निर्यात का कारोबार 26,000 करोड़ रुपये का है और आधी से भी ज्यादा निर्यात इकाइयां उत्तर प्रदेश में हैं।
ओवैसी ने कहा, “सरकार के इन कदमों से आर्थिक समस्याएं पैदा होंगी। क्या सरकार इन निर्यातों को रोकना चाहती है? यदि ऐसा होता है तो पांच से 10 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे।” एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि सरकार को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि किसी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैध बूचड़खानों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि मांगों की पूर्ति की जा सके।