“प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में बिजली को लेकर जारी सियासी आरोप-प्रत्यारोप को नया आयाम देते हुए शुक्रवार को कहा कि आगामी 11 मार्च को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे आने पर सपा-बसपा और कांग्रेस को करंट लगेगा।”
मोदी ने भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित परिवर्तन संकल्प रैली में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश ने उनसे बिजली आपूर्ति का पता लगाने के लिये तार छूने को कहा है लेकिन उनके नये यार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 14 सितम्बर 2016 को मिर्जापुर के मडि़हान क्षेत्र में अपनी खाट सभा के दौरान खुद से बिजली का तार छू जाने पर परेशान हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी से कहा था कि आप चिंता मत करिये, उस तार में बिजली नहीं है।
उन्होंने कहा यह आपके इस नये यार का इसी मिर्जापुर में किया गया इकरार है। अब क्या मुझे तार छूने की जरूरत है…..अखिलेश जी, अब जनता ने ऐसा तार बिछाया है कि 11 मार्च को सपा, बसपा, कांग्रेस तीनों को करंट लगने वाला है। जनता 11 मार्च को आपको जवाब देगी।
मोदी ने कहा कि अखिलेश के नये यार जब खाट सभा करने निकले थे और लोग खटिया उठाकर ले गये थे, क्योंकि जनता को मालूम था कि यह उन्हीं का माल है। अब वे लोग खटिया भी खड़ी करेंगे। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में हर स्तर पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए कहा, यूपी में हर चीज का रेट तय है। अगर थाने में शिकायत दर्ज करानी है तो इतना :रिश्वत: देना पड़ेगा। शिकायत दर्ज नहीं होने देनी है तो इतना देना पड़ेगा। नौकरी, पेंशन स्कीम का लाभ, राशन कार्ड दिलवाने का भी रेट तय है। यूपी के भ्रष्टाचार के बारे में अशोक चक्रधर की कुछ पंक्तियां याद आती हैं, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार के विभिन्न रूपों का वर्णन किया है। वह है, नजराना, शुक्राना, हकराना, जबराना। इन सबकी दवा एक ही है, वह है हराना। सपा, बसपा कांग्रेस को हराना।
मोदी ने बसपा मुखिया मायावती पर भी हमला करते हुए कहा बहनजी मिर्जापुर के घरों में खड़ी हैं, लेकिन उन्हें मिर्जापुर से इतनी नफरत क्यों है। मूर्तियां बनवाने के लिये मिर्जापुर से पत्थर ले गये, लेकिन जब जांच शुरू हुई तो कहा कि यह पत्थर तो राजस्थान से लाये हैं। आप बताएं कि क्या मिर्जापुर के पत्थरों से भी इतनी नफरत है कि यह बता सकें कि यह पत्थर मिर्जापुर का है। क्या ऐसे लोगों को मिर्जापुर की जनता का वोट मिलना चाहिये।
उन्होंने जनता का आवाहन किया कि वह सपा, बसपा और कांग्रेस समेत तमाम विरोधियों को चुनाव में चुन-चुनकर साफ कर दे। यहां से एक भी विरोधी प्रत्याशी लखनउ :विधानसभा: नहीं जाना चाहिये, ताकि उनको पता चले कि पूर्वांचल का अपमान करने और मिर्जापुर को परेशान करने का क्या परिणाम होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मिर्जापुर का पीतल उद्योग तबाह कर दिया गया। अगर यह उद्योग यहां तेज गति से चलता, बिजली, रास्तों की पूर्ति होती तो यहां के नौजवान को गुजरात और महाराष्ट्र रोजगार के लिये नहीं जाना पड़ता। यहां भाई-भतीजावाद और जातिवाद की वजह से होनहार नौजवानों को नौकरी नहीं मिलती।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव एक उत्सव होने के साथ-साथ सपा, बसपा और कांग्रेस से मुक्ति का अवसर भी है। वादे और जाति पात के भेद बहुत हुए। अगर हमें यूपी को बदलना है तो यूपी एक है और आगे बढ़ने को तैयार है के मंत्रा को लेकर सबका साथ सबका विकास करना होगा।
मोदी ने मिर्जापुर की नब्ज पर हाथ रखने की कोशिश करते हुए कहा कि 13 साल पहले प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने बरेली और मिर्जापुर के बीच गंगा नदी पर पुल का शिलान्यास किया था। उन्होंने चुनार पुल का भी शिलान्यास किया था, क्या वे दोनों अब तक नहीं बन सके। देश में गरीब से गरीब इंसान भी अपने पिता के अधूरे काम को पूरा करता है, लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश ने ऐसा नहीं किया।