मेदिनीनगर: निवर्तमान जिला नाजिर शैलेश कुमार को 98 लाख की हेराफेरी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उस पर स्वीकृत राशि के विरुद्ध अधिक पैसा निकासी करने का आरोप है। नाजिर के विरुद्ध शहर थाना में वित्तीय अनियमितता को लेकर कांड संख्या-44/2017 दर्ज किया गया है। मामले का खुलासा तब हुआ, जब 2016 में परीक्षा खर्च की राशि के लिए 9,93,800 रुपये जैक द्वारा भेजा गया था, लेकिन इसे जिला नाजिर ने रोकड़ पंजी में न तो दर्ज किया और न ही इसे परीक्षा मद में खर्च किया।
दिलचस्प बात है कि परीक्षा से संबंधित खर्च को लेकर, जब राशि वितरण की बात आयी, तब एनडीसी सतीश कुमार और जिला नाजिर रामराज राम ने जैक से संपर्क किया। पता चला कि पिछले साल की परीक्षा में खर्च का पैसा भेज दिया गया है। इसके बाद जांच में घोटाले की परत-दर-परत खुलती चली गयी।
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में जिला नजारत उप समाहर्ता सतीश कुमार और पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय प्रभात रंजन बरवार ने संयुक्त रूप से मामले का खुलासा किया। बताया कि शैलेश कुमार द्वारा किये गये गबन के मामले की जानकारी पलामू उपायुक्त अमित कुमार को दी गयी, तो डीसी ने छह सदस्यीय जांच टीम बनायी। इसमें जिला नाजिर रामराज राम, प्रभारी प्रधान सहायक गोपनीय सुनील कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी सदर अनुमंडल शैलेश कुमार, नजारत उप समाहर्ता सतीश कुमार, जिला लेखा पदाधिकारी और एनइपी निदेशक मो हैदर अली ने पांच जनवरी 2016 से 28 जून 2016 तक की अवधि के चेक बुक पंजी एवं बैंक विवरणी से मिलान किया। पाया कि उक्त अवधि में लगभग 100 चेकों के माध्यम से खाता संख्या-11112106147 से लगभग 98 लाख रुपये की निकासी की गयी है। इसमें 29 चेक ऐसे पाये गये हैं, जिसमें स्वीकृत राशि 8,07,401 के विरुद्व 1,54,090 की निकासी की गयी। अधिक राशि निकासी के 29 चेकों से स्पष्ट होता है कि सभी चेक शैलेश कुमार, मेसर्स आसू प्रेस, मेसर्स रतनलाल, मेसर्स सोनू गृहशोभा, मेसर्स आवरण, मेसर्स कॉरपोरेट सोलेशन के नाम से जारी किये गये।
चेक में राशि का आंकड़ा बढ़ाता रहा
हद तब हो गयी, जब मेसर्स आसू पे्रस को 10,629 रूपया देना था, लेकिन 3,10,629 लाख रुपये का भुगतान चेक द्वारा किया। इसी तरह रतनलाल को 52,899 के एवज में 10,52,899, सोनू गृह शोभा को 47,310 रुपये की जगह 1,47,310, मेसर्स आसू प्रेस को 8000 रुपये की जगह 3,08,000, शैलेश कुमार को 35,332 के एवज में 1,35,332, आसू प्रेस को 9281 की जगह में 2,09,281 फिर उसी को 21,968 के एवज में 2,21,968 सहित 29 चेकों में सप्लायर की सांठ-गांठ से शैलेश कुमार सिन्हा ने वित्तीय अनियमितता की। इस तरह 98 लाख रुपये से अधिक की निकासी कर ली।