आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। भाजपा ने झारखंड में 10 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा तो कर दी है, लेकिन चतरा, कोडरमा और रांची की सीटों पर पेंच फंस गया है। बुधवार शाम मिली जानकारी के मुताबिक रांची और कोडरमा पर बहुत हद तक सहमति बन गयी है, लेकिन चतरा को लेकर पेंच फंस गया है। झाविमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुई नीलम देवी यहां से दावेदारी कर रही हैं। लेकिन सुनील सिंह के समर्थकों ने नीलम देवी की नक्सलियों से सांठ गांठ के आरोपों को लेकर क्षेत्र से दिल्ली तक बवाल कर दिया है।
दावेदारों की संख्या बढ़ने से बढ़ी परेशानी
दरअसल, चतरा सीट पर दूल्हे ज्यादा हो गये हैं और बाराती कम। स्थिति यह है कि पार्टी किसे खुश करे और किसे नाराज। इनमें से कुछ ऐसे चेहरे हैं, जो दूसरे दलों से भाजपा में इसी शर्त पर आये हैं और आ रहे हैं कि उन्हें टिकट मिलेगा। राजद छोड़कर आयी अन्नपूर्णा देवी भी चतरा से लड़ने को इच्छुक हैं। राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह भी इस सीट के संभावित दावेदारों में हैं, हालांकि गिरिनाथ ने अभी तक ना तो भाजपा ज्वाइन किया है और ना ही ऐसी कोई घोषणा की है। ऐसे में भाजपा को शेष बची तीन सीटों रांची, कोडरमा और चतरा में उम्मीदवार घोषित करने में पसीने छूट रहे हैं। लगातार कवायद के बावजूद पार्टी इन सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर उधेड़बुन में है। सबसे अधिक परेशानी चतरा सीट को लेकर ही है।
चतरा को लेकर दोबारा भेजी गयी है रिपोर्ट
प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट दे दी है। अब निर्णय वहां से ही लिया जाना है। जल्द ही प्रत्याशियों की घोषणा होगी। उन्होंने यह भी माना कि चतरा में अपेक्षाकृत दावेदारों की संख्या अधिक है। इस संसदीय सीट को लेकर दोबारा रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव समिति को भेजी गयी है। बहरहाल, इन सीटों पर भाजपा के मौजूदा सांसद अपना टिकट बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि जल्द ही मामला सुलझ जायेगा और तीनों सीटों के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी जायेगी।
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