रांची। दिल्ली में महागठबंधन पर सहमति बनने के बाद रविवार को कांग्रेस नेता आलमगीर आलम, झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय रांची पहुंचे। मरांडी ने कहा कि महागठबंधन को लेकर हम सभी ने शनिवार रात दिल्ली में बात की। महागठबंधन हो गया है। झारखंड में सीट भी फाइनल हो गयी है। औपचारिक घोषणा झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन(गुरुजी) की उपस्थिति में होगी। हम सभी ने झामुमो कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से कहा कि वे गुरुजी से बात करके संभव हो, तो होली के पहले 19 मार्च को औपचारिक घोषणा पर निर्णय लें।
महागठबंधन स्वरूप में आ गया है: सुबोधकांत सहाय

सुबोधकांत सहाय ने कहा कि तीन सालों से सभी विपक्षी एक साथ मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ लड़ रहे थे। आज संसदीय प्लेटफॉर्म पर लड़ने का महागठबंधन स्वरूप में आ गया है। जब उनसे पूछा गया कि सुबोधकांत रांची से कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे क्या? तो उन्होंने कहा-मैं कांग्रेस पार्टी का हूं। कांग्रेस इलेक्शन कमेटी जब तक मेरा नाम डिक्लेयर नहीं करती है तब तक मैं सुबोधकांत सहाय हूं, उम्मीदवार नहीं।

इससे पूर्व शनिवार को झारखंड में विपक्षी महागठबंधन में शामिल दलों ने जिन-जिन सीटों पर दावा किया था, वह सीट उन्हें देने पर सहमति बन गयी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद दिल्ली में फार्मूले को अंतिम रूप दिया गया। शनिवार को हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी ने राहुल गांधी से अलग-अलग भेंट की थी। इसके बाद हेमंत, बाबूलाल और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा-महागठबंधन और सीट शेयरिंग पर सहमति बन गयी है। जो भी संशय था, उसे दूर कर लिया गया है। सभी घटक दल झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की मौजूदगी में रांची में इसका औपचारिक ऐलान करेंगे। यह घोषणा होली से पहले की जा सकती है। यह भी तय हुआ कि झारखंड में विधानसभा का चुनाव हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा।

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