नयी दिल्ली। जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा देंगे। कंपनी ने नियामक को इसकी जानकारी दी है। नरेश गोयल ने अपनी पत्नी अनिता के साथ मिलकर साल 1993 में एयरलाइन कंपनी की शुरुआत की थी। वित्तीय संकट से जुझ रही जेट एयरवेज को अब बैंक की अध्यक्षता वाला बोर्ड चलायेगा। जेट एयरवेज को बैंकों की तरफ से 1,500 करोड़ रुपये तक का वित्त पोषण मिलेगा।

कंपनी ने बताया कि यह निर्णय सोमवार को यहां हुई निदेशक मंडल की बैठक में लिया गया। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि नरेश गोयल और अनीता गोयल के साथ ही एतिहाद एयरवेज पीजेएससी के एक नामित सदस्य निदेशक मंडल से इस्तीफा देंगे। कंपनी ने कहा कि उसे बैकों से तत्काल 1,500 करोड़ रुपये का वित्तपोषण मिलेगा। बैंक इस एवज में कंपनी के निदेशक मंडल में दो सदस्यों को नामित करेंगे और एयरलाइन के दैनिक परिचालन के लिये अंतरिम प्रबंधन समिति बनायी जाएगी। अबू धाबी स्थित एतिहाद की जेट एयरवेज में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

नरेश गोयल अब कंपनी के चेयरमैन भी नहीं रहेंगे। गोयल की जेट एयरवेज में 51 फीसदी हिस्सेदारी घटकर 25.5 फीसदी पर आ गई है। फिलहाल जेट एयरवेज पर कई पब्लिक और विदेशी बैंकों का कर्ज है। इसमें पब्लिक सेक्टर बैंक में केनरा बैंक, बैंक आॅफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इलाहबाद बैंक शामिल हैं। इस लिस्ट में एसबीआई और पीएनबी का नाम भी जुड़ जाएगा। एयरलाइंस पर करीब 7 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। जेट के पायलट पहले ही अल्टीमेटम दे चुके हैं कि अगर 31 मार्च तक उनका बकाया नहीं दिया गया तो वह किसी फ्लाइट को नहीं उड़ाएंगे। कंपनी के 80 से अधिक विमान परिचालन से बाहर हो चुके हैं। इनमें से 54 विमानों को लीज की किस्त नहीं चुका पाने के कारण खड़ा कर दिया गया है। कंपनी अप्रैल अंत तक कम से कम 14 अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानें भी निलंबित कर चुकी है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version