रांची। चीन के प्रतिनिधिमंडल ने जून में मुख्यमंत्री रघुवर दास और गवर्नर द्रौपदी मुर्मू को चीन आने का न्योता दिया है। सोमवार को प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी से मुलाकात कर झारखंड के विकास में सहयोग और साझेदारी की इच्छा जाहिर की। पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाइना के कॉन्सुलेट जेनरल जहा लीऊ ने कहा कि भारत के नार्थ इस्ट के राज्य और चीन के साउथ वेस्ट प्रांतों में आपसी सहयोग के क्षेत्र को चिह्नित कर आगे बढ़ा जा सकता है। ट्रेड के अलावा एक-दूसरे से लगातार संवाद होना चाहिए। संवाद का दायरा चीनी और झारखंडी जनता तक बढ़ाना चाहिए। मुख्य सचिव ने चीनी प्रतिनिधिमंडल की बातों से राज्य सरकार को अवगत कराने की बात कही।
रांची की खूबसूरती को प्रतिनिधिमंडल ने सराहा
चीनी प्रतिनिधिमंडल ने रांची की खूबसूरती की सराहना की। साथ ही पूरे प्रदेश की प्रशंसा भी की। चीनी प्रतिनिधमंडल ने मुख्य सचिव को स्मृति चिह्न भेंट किया। मुख्य सचिव ने भी प्रतिनिधिमंडल को झारक्राफ्ट द्वारा निर्मित आदिवासी परंपराओं से जुड़ा स्मृति चिह्न प्रदान किया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि झारखंड की खनिज संपदा और टाटा जैसी कंपनियों के साथ चीन हेवी इंजीनियरिंग और ऊर्जा के क्षेत्र में तालमेल कर झारखंड के विकास में सहयोग कर सकता है। मुख्यमंत्री पहले भी चीन की यात्रा पर जा चुके हैं, लेकिन इस बार की यात्रा आपसी सहयोग से व्यापार बढ़ाने पर फोकस होगी।
सहयोग के क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिए होमवर्क करें
मुख्य सचिव ने इज आफ डूइंग बिजनेस में झारखंड की उपलब्धियों की चर्चा की। कहा कि रिफार्म के कारण राज्य लगातार दो साल से इस मामले में पहले नंबर पर है। झारखंड की खनिज संपदा सहित कोयला की चर्चा करते हुए बताया कि एनर्जी का यह स्रोत परंपरागत है, लेकिन इसकी भी एक सीमा है। हमें अन्य क्षेत्रों पर फोकस करना होगा। राज्य में संपन्न हुए ग्लोबल स्किल समिट और एग्रीकल्चर समिट की चर्चा करते हुए बताया कि एग्रीकल्चर के क्षेत्र में हम आपसी सहयोग के लिए साझा क्षेत्र चिह्नित कर सकते हैं। चीन और झारखंड सरकार के सहयोग के क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिए अपना-अपना होमवर्क करें और ठोस नतीजे पर पहुंचें।