रांची।  सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी से उनके आवास पर मुलाकात की। लगभग एक घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। बाद में दोनों नेताओं ने कहा कि देश और राज्य में जो हालात हैं, उसके सुधार के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी को उखाड़ फेंकना समय की मांग है। क्योंकि सत्तारूढ़ बीजेपी ने संवैधानिक संस्थानों को भी स्वतंत्र रहने नहीं दिया है।

भाजपा लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि चुनाव से पहले ही अडानी पावर प्लांट से मोटी रकम सरकार ने लेकर गोड्डा में सिर्फ एक फैक्ट्री को स्पेशल इकोनॉमिक जोन घोषित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अगर पूरे झारखंड राज्य को स्पेशल इकोनॉमिक जोन घोषित करते, तो इससे यहां की गरीबी मिटती। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली को सफल बताते हुए कहा कि उन्होंने झारखंड के उन्हीं विषयों को सबके सामने रखा, जो जनता से जुड़ी हुईं हैं। जिस तरह से छत्तीसगढ़ सरकार की बात कहते हुए अपने वादे को पूरा करने की बातों को रखा, इसका असर समाज में दूर तक जायेगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि विपक्ष के सभी दल एकजुट हैं। ऐसे में लगातार सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे लेफ्ट भी सम्मान के पात्र हैं। हालांकि राहुल की रैली में लेफ्ट को निमंत्रण नहीं दिये जाने को लेकर कहा कि कहीं चूक हुई होगी। लेकिन वह हमारे साथ हैं। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को 14 लोकसभा सीट में जगह नहीं मिल सकती है।

राहुल गांधी ने कहा है कि एक सीट पर अगर दो मजबूत उम्मीदवार हैं, तो इसका सम्मान पूर्वक रास्ता ढूंढ लिया जायेगा। सुबोधकांत सहाय ने अडानी पावर प्लांट के मुद्दे को लेकर कहा कि यह चुनावी मुद्दा होगा, लेकिन केंद्र सरकार ने जिस तरह से एक फैक्ट्री को इकोनॉमिक स्पेशल जोन घोषित करने की पहल की है। इससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र सरकार ने उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम किया है।

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