क्लासिक इंजीकॉम के बेस कैंप पर इस गैंग ने किया था हमला : एसपी
रामगढ़। जिला पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ चलाये गये अभियान में बड़ी सफलता मिली है। रामगढ़, बोकारो, रांची और हजारीबाग के लिए आतंक का पर्याय रहे पीएलएफआइ के जोनल कमांडर बाजीराम महतो के पूरे गैंग का पुलिस ने सफाया कर दिया है। जिला पुलिस कार्यालय में 12 मार्च को पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। एसपी ने बताया कि गैंग के कुछ सदस्यों ने लेवी वसूलने की कोशिश की, तो पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
कहा कि पकड़े गये अपराधियों में रांची जिला के बीआइटी मेसरा निवासी उदय राम, जमुनिया टांड के रोहर टोला निवासी परमेश्वर मुर्मू, खेतको टोला निवासी कुंदा सिंह, भुइयांडीह रोहर टोला निवासी बिरसा मुंडा और जमुनिया टांड़ रोहर टोला के ही राम मुर्मू शामिल हैं। एसपी ने बताया कि उनके पास से दो देसी कट्टा, आठ एमएम की पांच गोलियां और तीन मोबाइल जब्त किया गया है। सभी लोग रामगढ़ जिले के कुजू और रजरप्पा थाना की सीमा पर स्थित उखड़बेड़वा जंगल में एक जगह एकत्रित हुए थे। उन लोगों की मंशा लेवी वसूलने की थी। उन्होंने एक मुखिया को उठाने का प्लान बनाया था। समय रहते इसकी सूचना पुलिस को मिल गयी। पुलिस ने तत्काल टीम बनाकर जंगल में छापेमारी की। इस टीम में पुलिस इंस्पेक्टर कमलेश पासवान, सब इंस्पेक्टर भरत पासवान, एएसआइ पूरन सिंह और सुरेश मलिक शामिल थे।
सभी बाजीराम दस्ते के हैं
एसपी ने बताया कि बाजीराम के साथ 27 फरवरी की रात हुई मुठभेड़ में तीन साथी उसके साथ ही थे, जो भागने में सफल रहे थे। इनमें परमेश्वर मुर्मू, विरसा मुंडा और राम मुर्मू उर्फ हीरो शामिल हैं। वे लोग अलग बाइक से बाजीराम के साथ आये हुए थे। जब पुलिस ने गोलियां चलायीं, तो तीनों अंधेरे का लाभ उठाते हुए भाग निकले थे। बाजीराम वहीं ढेर कर दिया गया था। बाजीराम के पास से पुलिस ने जो नयी बाइक बरामद की थी, उसे बिरसा मुंडा ने खरीदी थी। वह बाइक पेटरवार के एक शोरूम से खरीदी गयी थी। उसका सारा पैसा बिरसा मुंडा ने दिया था। गाड़ी भी उसी के नाम पर रजिस्टर्ड है। क्लासिक इंजीकॉम के बेस कैंप पर हमला करने में भी ये सभी शामिल रहे हैं।
एसपी ने बताया कि इन सभी पांचों ने यह कबूल किया है कि जिस दिन बाजीराम कंपनी के बेस कैंप पर हमला करने जा रहा था, तो इन लोगों को भी वहां बुलाया गया था। इन लोगों ने ही वहां 11 गाड़ियों को फूंकने में मदद की थी। इसके साथ कुछ और लोग हैं वहां आये थे, जिनसे उनका संपर्क पहले से नहीं था। उदय राम हर उस घटना में शामिल रहा है, जिसे बाजीराम महतो ने अंजाम दिया था। वहीं भाड़े पर बोलेरो लेता था, जिसके सहारे पूरा गैंग अपहरण की घटना को अंजाम देता था।