रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सोरेन की ट्विटर चौपाल को फर्जी चौपाल करार दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जिस तरीके का हाइप बनाने की कोशिश की, उससे लगा जैसे मानो ट्विटर ने हेमंत को न्योता दिया हो। जबकि वास्तविकता में यह पूरे तरीके से प्रायोजित कार्यक्रम था। महागठबंधन के प्रश्न पर हेमंत सोरेन ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए कंकड़- पत्थर का भी प्रयोग किया जाता है। क्या हेमंत सोरेन की नजर में कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा और राजद जैसे सहयोगी दलों की हैसियत सिर्फ कंकर और पत्थर जैसी है, जिसका वह प्रयोग करके फेंक देंगे? प्रतुल ने हेमंत के सहयोगी दलों से कहा कि कि वे जिस झामुमो की पूंछ पकड़ कर चल रहे हैं, वह उनकी राजनीतिक हैसियत को कंकड़-पत्थर से ज्यादा नहीं समझता।
प्रतुल ने कहा कि यह पूरे तरीके से झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं को बुला कर चौपाल का रूप देने का प्रयास किया गया। जो प्रश्न हेमंत को अच्छे लगते थे, सिर्फ वही प्रश्न कुणाल षाड़ंगी चुन कर पूछ रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रोताओं के रूप में झामुमो कार्यकर्ताओं को बैठाया गया था और वही प्रश्न भी कर रहे थे। प्रतुल ने कहा कि अगर चौपाल असली होती, तो हेमंत सोरेन के आफिशल ट्विटर हैंडल पर टैग किये गये सोहराई भवन पर अवैध कब्जे की बात, स्थानीय नीति को परिभाषित नहीं किये जाने का प्रश्न उठता, बालू घाट को मुंबई के व्यापारियों के हाथ जाने की बात होती, सांसद रिश्वत कांड की केस को दोबारा खुलने पर चर्चा होती, झामुमो विधायक द्वारा आयोजित की जाने वाली किसिंग प्रतियोगिता पर पर भी उठाये गये प्रश्न को जरूर लिया गया होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे यह साफ हो गया कि यह पूरे तरीके से प्रायोजित कार्यक्रम था।