संयुक्त राष्ट। आतंक के खिलाफ जारी कूटनीतिक मुहिम में गुुरुवार को भारत को बड़ी कामयाबी हासिल हुई। संयुक्त राष्ट (यूएन) ने मुंबई आंतकी हमले के मास्टरमाइंड और पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद पर लगे प्रतिबंध को हटाने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। यूएन ने कहा है कि हाफिज सईद पर बैन जारी रखने को लेकर उसके पास उचित और विश्वसनीय जानकारी है, जिसके तहत यह कदम उठाया गया है।

जानकारी के अनुसार यूएन ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की अपील को खारिज कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा फिदायीन हमले के बाद यूएन ने 1267 सेक्शन कमेटी के तहत पाक के एक और आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को बैन करने का आवेदन स्वीकार किया है। इस संगठन ने पुलवामा फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली थी।

मालूम हो कि हाफिज सईद हमेशा ही भारत के खिलाफ आंतकी साजिश को अंजाम देता है। सईद के आंतकी संगठनों जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा को यूएन ने 2008 में बैन कर दिया था। जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद ने भारत के खिलाफ दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हुए आंतकी हमले का मास्टरमाइंड था, तो वहीं 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेन में हुए सिलसिलेवार धमाकों का आरोपी भी वही था। इसके बाद हाफिज सईद ने एक बार फिर साल 2008 में मुंबई को एक बार फिर निशाना बनाते हुए ताज होटल में हमला किया था। इसलिए भारत के लिए हाफिज सईद मोस्ट वाटेंड आंतकी की लिस्ट में शुरू से ही बना हुआ है।

सईद ने 2017 में लाहौर स्थित लॉ फर्म मिर्जा और मिर्जा के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के साथ एक अपील दायर की थी। सूत्रों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस तरह के सभी अनुरोधों की जांच करने के लिए नियुक्त स्वतंत्र लोकपाल डैनियल किफर फासीति ने सईद के वकील को सूचित किया है कि उनके अनुरोध की जांच के बाद यह निर्णय लिया गया है कि आतंकियों की सूची में सईद का नाम रहेगा। गौरतलब है कि पाकिस्तान की इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार ने अपील का विरोध नहीं किया। उसका दावा है कि प्रतिबंधित आतंकवादियों और उनके संगठनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। पिछले महीने संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र में जेएम प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए नयी अपील दखिल की।

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