धनबाद। धनबाद में कोयला कारोबार से जुड़े अवैध नेटवर्क और मनी लांड्रिंग की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई शुरू की। सुबह से ही इडी की कई टीमें धनसार स्थित कोयला आउटसोर्सिंग कंपनी डेको के संचालक मनोज अग्रवाल, कंपनी के निदेशक ए.एन. झा, और अन्य कारोबारियों के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही हैं। एजेंसी दस्तावेज़, वित्तीय रिकॉर्ड और डिजिटल डेटा की गहन जांच में जुटी है।
सूत्रों के अनुसार, इडी ने मनोज अग्रवाल के आवास और कार्यालय के अलावा कोयला परिवहन से जुड़े दो प्रमुख कारोबारियों—सुधीर चौटाला और इंद्रराज भदौरिया—के ठिकानों पर भी तलाशी अभियान तेज कर दिया है। मनोज अग्रवाल न केवल डेको आउटसोर्सिंग कंपनी का संचालन देखते हैं, बल्कि कोयला परिवहन में भी उनका बड़ा दखल माना जाता है। एजेंसी को शक है कि इन सभी कारोबारियों की भूमिका कोयला तस्करी और अवैध कमाई को वैध बनाने के नेटवर्क में गहराई से जुड़ी हो सकती है।
गौरतलब है कि इडी ने इसके पहले 21 नवंबर को भी धनबाद और कोलकाता में बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी। उस दौरान कोयला कारोबारी दीपक पोद्दार सहित कई व्यवसायियों के आवास, दफ्तर और गोदामों की तलाशी ली गई थी। उस कार्रवाई में एजेंसी को कई करोड़ रुपये नकद, महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और चल-अचल संपत्तियों से जुड़े अहम सबूत मिले थे। इन्हीं खुलासों के आधार पर इडी ने अपने ऑपरेशन को और तेज किया है।
जांच के दौरान यह सामने आया कि कोयला के अवैध कारोबार में इंद्रराज भदौरिया, सुधीर चौटाला और मनोज अग्रवाल की भी अहम भूमिका रही है। इडी को संदेह है कि ये लोग कोयले की तस्करी, ट्रांसपोर्टेशन और वितरण के जरिये बड़े पैमाने पर काले धन को घुमा-फिराकर वैध रूप में दिखाने की कोशिश कर रहे थे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इंद्रराज भदौरिया झारखंड और पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े कोयला परिवहनकर्ताओं में से एक हैं। उनकी कंपनी दोनों राज्यों की खदानों से देशभर की पावर कंपनियों तक कोयला सप्लाई करती है। भदौरिया के नेटवर्क से कई छोटे-बड़े ट्रांसपोर्टर भी जुड़े हुए हैं। इडी की यह कार्रवाई फिलहाल जारी है और उम्मीद की जा रही है कि तलाशी अभियान से और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

