नयी दिल्ली। क्रॉस बॉर्डर फायरिंग और मिसाइल के हमलों से वायुसेना के लड़ाकू विमानों को बचाने के लिए सरकार ने पाकिस्तान-चीना सरहद के करीब 110 मजबूत शेल्टर बनाने की अनुमति दी है। सूत्र के मुताबिक, ‘इस प्रोजेक्ट में 5000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह निर्माणकार्य कुछ चरणों में पूरा हो जाएगा। इसके बाद सेना अपने फ्रंटलाइन फाइटर जेट्स यहां बिना किसी चिंता के तैनात कर पाएगी। इन विमानों में सुखोई-30 भी शामिल होगा।’

सुरक्षा के लिए बनाये जा रहे हैं शेल्टर्स
अभी इन शेल्टर्स के अभाव में सेना को अपने फ्रंटलाइन एयरक्रॉफ्ट्स सीमा से दूर रखने पड़ते हैं। शेल्टर्स बनने के बाद इन्हें सीमा के करीब ही रखा जा सकेगा। 1965 में पाकिस्तान के साथ हुई लड़ाई में भारतीय वायुसेना ने अपने कुछ विमानों को खो दिया था। इसकी वजह यह थी कि ये विमान बिना किसी शेल्टर के एयरस्ट्रिप पर खड़े थे। 1965 के बाद से ही लड़ाकू विमानों को बचाने के लिए सीमा पर इस तरह के शेल्टर्स का निर्माण किया जा रहा है, ताकि दुश्मन के हमलों से बचा जा सके। यह शेल्टर्स कांक्रीट की बहुत मोटी दीवार के बने होते हैं, जो बड़े हमलों से लड़ाकू विमानों को बचा लेते हैं।

पुलवामा हमले के बाद सीमा पर चौकसी बढ़ी
पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान स्थित आतंकी कैम्प्स पर एयरस्ट्राइक की थी। इसके बाद 27 फरवरी को पाकिस्तानी विमानों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की नाकाम कोशिश की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलवामा के बाद से ही सेना ने सरहद पर अतिरिक्त सैन्य बल की तैनाती करना शुरू कर दिया है। भारत ने दुनिया को स्पष्ट किया है कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने से वह बिल्कुल पीछे नहीं हटेगा।

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