नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सरकार से कहा है कि, ‘आप पटाखा उद्योग के लोगों के पीछे क्यों पड़े हुए हैं? जबकि ऐसा लगता है कि प्रदूषण का ज्यादा बड़ा स्त्रोत तो गाड़ियां हैं।’ बेंच ने उस याचिका पर सुनवाई की। जिसमें प्रदूषण के चलते देशभर में पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाये जाने की बात कही गयी थी।

जस्टिस एसए बोबडे और एसए नजीर ने सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी से पूछा, ‘क्या इस तरह की कोई स्टडी है। जिसमें बताया गया हो कि कितना प्रदूषण पटाखों से और कितना प्रदूषण गाड़ियों से फैलता है।’

कोर्ट ने कहा- हम बेरोजगारी नहीं बढ़ाना चाहते
न्यायधीशों ने यह भी कहा कि, ‘ऐसा लगता है कि आप पटाखा निमार्ताओं के पीछे पड़ गये हैं, जबकि प्रदूषण बढ़ाने में ज्यादा योगदान तो शायद गाड़ियों का है।’ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पटाखा उद्योग से जुड़े कई लोगों ने पटाखों पर बैन लगने के बाद अपनी नौकरियां खोई थीं। इस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, ‘हम किसी भी तरह से बेरोजगारी नहीं बढ़ाना चाहते हैं।’

दिवाली पर उठा था यह मामला
2018 में न्यायालय के समक्ष पटाखों पर बैन लगाने का मामला आया था। इस पर कोर्ट ने दिवाली समेत सभी धार्मिक त्योहारों पर कम इमिशन और डेसिबल लेवल वाले पटाखे चलाने मंजूरी दी थी। कोर्ट ने दिवाली को लेकर कहा था कि इस त्योहार पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं। देशभर में यह आदेश खासा चर्चा में रहा था।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version