अजय शर्मा
रांची। नगालैंड की एक कोयला खदान झारखंड के एक आइपीएस अफसर की है। लीज पर ली गययी इस खदान की देखरेख आइपीएस अधिकारी से जुड़ा एक व्यक्ति करता है, जो बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कार में चलता है। अधिकारी के साथ उसके रिश्ते जगजाहिर हैं। झारखंड सरकार को भी इसकी जानकारी है और एक एजेंसी को उसकी जांच के लिए लगा दिया गया है। सूचना यहां तक है कि अधिकारी अमूमन छुट्टी लेकर नागालैंड जाया करते हैं। राज्य के किसी भी जिला के एसपी या डीआइजी को वह अधिकारी जो कुछ कहते हैं, वह पूरा होता है। अधिकारी पर पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। जानकारी तो यहां तक है कि उन्होंने ढेर सारी संपत्ति भी अर्जित कर रखी है, जिसमें रांची, पटना, मुंबई, दिल्ली में मकान, फ्लैट और जमीन है। कोल कारोबारियों, जमीन कारोबारियों, स्क्रैप कारोबारियों से भी इस अधिकारी के नजदीकी रिश्ते रहे हैं। साथ ही, राज्य के कुछ अपराधियों से भी जुड़ाव बताया जाता है। अधिकारी को लेकर तरह-तरह की चर्चा है। चर्चा यहां तक है कि उनसे जुड़े लोग भी करोड़ों में खेल रहे हैं। कभी एसपी और डीआइजी स्तर के अधिकारी भी उनके नाम से हड़कते थे। उनके किसी भी आदेश के खिलाफ जाने की हिम्मत कोई अधिकारी नहीं जुटा पाता था।
झारखंड के अधिकांश अधिकारियों को संबंधित आइपीएस अधिकारी के बारे में सब कुछ पता है। अभी कुछ दिन पहले अपराधी अमन साव को गिरफ्तार करने के लिए 22 अलग-अलग टीमें गठित की गयी थीं। पुलिस की टीम अमन साव तक पहुंच गयी थी। संबंधित अधिकारी बीच में कूद पड़े और अमन साव पुलिस के हाथ नहीं लगा। बताया जा रहा है कि अमन साव की गिरफ्तारी से अधिकारियों के कई राज खुल सकते हैं।
इस आइपीएस अधिकारी के कोयला खदान का मालिक होने से संबंधित कई दस्तावेज भी सामने आ रहे हैं, हालांकि इनकी प्रामाणिकता की अभी तक पुष्टि नहीं की गयी है। आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। अब तक यह भी पता नहीं चला है कि सरकार को इस आइपीएस अधिकारी के खिलाफ औपचारिक शिकायत मिली है या नहीं। सूत्रों के अनुसार शिकायत पत्र भेजने की तैयारी चल रही है।
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