अधिकारियों को केंद्र के सामने उठाना चाहिए मुद्दा
रांची। चर्चित समाजसेवी और बौद्ध भिक्षु भंते तिस्सावरो ने निरंजना-फल्गू नदी प्राधिकरण के बारे में झारखंड की चुप्पी पर गहरी निराशा जताते हुए कहा है कि इस बारे में झारखंड के अधिकारियों को गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि निरंजना नदी विकास प्राधिकरण को लेकर झारखंड के अधिकारियों ने केंद्र के सामने कोई मांग नहीं रखी है, जबकि यही नदी बिहार में फल्गू के नाम से जानी जाती है और बिहार सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने बड़ी रकम इसके लिए आवंटित की है। उन्होंने बताया कि केंद्र ने आरपीआइ (आठवले) के सांसद रामदास आठवले की सक्रिय पहल के बाद फल्गू नदी विकास प्राधिकरण के लिए राशि आवंटित की है। भंते तिस्सावरो ने झारखंड के अधिकारियों को निरंजना नदी के विकास का मुद्दा केंद्र के सामने उठाने का सुझाव दिया है, ताकि इटखोरी इलाके के विकास को नया आयाम मिल सके।
बोधगया में शुरू किया नि:शुल्क भोजन अभियान
भंते तिस्सावरो ने बताया कि कोरोना के कारण बोधगया में विदेशी श्रद्धालुओं का आना पूरी तरह बंद हो गया है। इसके कारण वहां के 65 मठों की देखभाल करनेवाले बौद्ध भिक्षुओं के सामने पेट भरने की समस्या उत्पन्न हो गयी थी। इन बौद्ध भिक्षुओं के आग्रह पर उन्होंने सांसद रामदास आठवले की मां हाउसा आई आठवले की मदद से नि:शुल्क भोजन अभियान शुरू किया है। इसके तहत बौद्ध भिक्षुओं और अन्य जरूरतमंद लोगों को हर दिन एक समय का भोजन नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। भंते तिस्सावरो के अनुसार, विदेशी श्रद्धालुओं के दान-दक्षिणा पर पलनेवाले बौद्ध भिक्षुओं ने इस अभियान का स्वागत किया है।
निरंजना नदी प्राधिकरण पर झारखंड की चुप्पी दुखद : भंते
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