महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि केंद्र सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस स्टेशनों की मैपिंग करवाएगी. उनके मंत्रालय की ओर से पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) को कहा गया है कि वह देश में ऐसे सभी पुलिस थानों की पहचान करे जहां पर फॉरेंसिक किट उपलब्ध नहीं हैं. उनका मंत्रालय, गृह मंत्रालय एवं ब्यूरो के साथ मिलकर उपाय तलाश रहा है कि निर्भया कोष का इस्तेमाल करते हुए इन पुलिस थानों को फॉरेंसिक किट किस तरह उपलब्ध करवाए जा सकते हैं.

फॉरेंसिक किट का इस्तेमाल यौन हमलों के मामले में सबूत जुटाने के लिए किया जाता है. गृह मंत्रालय में विशेष सचिव एवं बीपीआर ऐंड डी के महानिदेशक वीएसके कुमुदी ने कहा कि अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिहाज से शुरुआत में ऐसे करीब तीन हजार किट दिए गए थे. इसके बाद पिछले वर्ष 11,000 किट दिए गए. इस तरह अब तक उप संभागों को कुल 14,000 किट उपलब्ध करवाए गए हैं.

दिसंबर 2012 में चलती बस में दिल्ली की एक लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के बाद महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2013 में निर्भया फंड बनाया गया था. ईरानी ने कहा कि उन्हें साइबर मामलों की जांच में तेजी भी लाने की सुझाव मिले हैं. केंद्रीय मंत्री ने यह टिप्पणी उस समय की जब वह 112 जिलों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श कर रही थीं. इनमें 100 ऐसे जिले के भी प्रतिनिधि थे जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की उच्चतम दर है.

अपराध की शिकार महिलाओं को मिलेगी वित्तीय सहायता

ईरानी ने कहा कि कानूनी फीस के साथ साइबर अपराध की शिकार महिलाओं को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी. एक अन्य प्रमुख प्रोजेक्ट में परिवार और समुदाय के भीतर निजी और सार्वजनिक स्थानों पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए मंत्रालय की फ्लेगशिप स्कीम के हिस्से के रूप में डिजिटल वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) शामिल किया जा सकता है. ईरानी ने कहा कि ओएससी ने 30,00,00 से अधिक महिलाओं की सहायता की है, जिसमें 14 लाख लोगों ने हेल्पलाइन का इस्तेमाल किया.

हेल्पलाइन नंबरों को किया जाएगा इंटीग्रेट

सरकार आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 और 181 को इंटीग्रेट करने की भी योजना बना रही है, जिसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों के तहत लाया जा सकता है. ईरानी ने कहा, “हेल्पलाइन नंबरों का जवाब गैर सरकारी संगठनों द्वारा दिया जाता है, लेकिन नई प्रणाली के तहत पुलिस सीधे जवाब देगी, जिससे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तेजी से हो सकेगी.

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