रांची। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए अपने पिता एवं झारखंड आंदोलन के प्रणेता शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने लिखा कि आज उनके मार्गदर्शक, उनके गुरु और उनके बाबा सशरीर साथ नहीं हैं, लेकिन उनका संघर्ष, उनके विचार और आदर्श सदैव प्रेरणा देते रहेंगे। बता दें कि झारखंड के दिग्गज आदिवासी नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन 4 अगस्त 2025 को हुआ था। उनके निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई थी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा-
“आज विश्व आदिवासी दिवस है पर मेरे मार्गदर्शक, मेरे गुरु, मेरे बाबा सशरीर साथ नहीं हैं, मगर उनका संघर्ष, उनके विचार, उनके आदर्श हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। वह न केवल मेरे पिता थे, बल्कि समस्त आदिवासी समाज समेत झारखण्ड की आत्मा, संघर्ष के प्रतीक और जल-जंगल-जमीन के सबसे मुखर रक्षक भी थे।

यह आदिवासी समाज ही है जिसने मानवजाति को प्रकृति के साथ सांमजस्य बनाकर खुशहाल जीवन जीने का मार्ग दिखाया है। आदिवासी समाज का जीवन-दर्शन प्रकृति से ही शुरु और प्रकृति पर ही खत्म होता है। मगर सदियों से खुद आदिवासी तथा शोषित-वंचित समाज हाशिये पर खड़े रहने को मजबूर रहा। बाबा ने इसी स्थिति को बदलने के लिए अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया था।

विश्व आदिवासी दिवस पर राज्य भर में होना वाला कार्यक्रम उनका प्रिय रहा। क्यूंकि यह अवसर आदिवासी समाज की समृद्ध सभ्यता और संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम रहा है, आदिवासी समाज की प्रतिभा को वैश्विक मंच देने का अवसर बना है।
आज पूरा विश्व आदिवासी दिवस मना रहा है। इस अवसर पर मैं बाबा दिशोम गुरु सहित हमारे सभी वीर पुरुखों को नमन करता हूँ, जिन्होंने संघर्ष और शहादत देकर हमारी पहचान, हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता और हमारे अधिकारों की रक्षा की।

विश्व आदिवासी दिवस पर मैं नमन करता हूँ अपने वीर पुरखों को, और संकल्प लेता हूं कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर झारखण्ड और देश में आदिवासी अस्मिता की मशाल को और ऊंचा करूंगा।
झारखण्ड के वीर अमर रहें!
देश के समस्त वीर आदिवासी योद्धा अमर रहें!
जय जोहार, जय आदिवासियत, जय झारखण्ड!”

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