Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, May 21
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»गीता हमें सवाल और संवाद करने के लिए प्रेरित करती है: प्रधानमंत्री
    Breaking News

    गीता हमें सवाल और संवाद करने के लिए प्रेरित करती है: प्रधानमंत्री

    sonu kumarBy sonu kumarMarch 11, 2021No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

     प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को स्वामी चिदभवानन्द की ‘भगवद् गीता’ के किंडल संस्करण का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गीता हमें खुले मन से सोचने, प्रश्न पूछने और चर्चा करने के लिए प्रेरित करती है।

    प्रधानमंत्री ने गुरुवार सुबह वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गीता की सुंदरता उसकी गहराई, विविधता और लचीलेपन में है। आचार्य विनोबा भावे ने गीता को माता के रूप में वर्णित किया है क्योंकि गीता ठोकर खाए व्यक्ति को संभालती है। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, महाकवि सुब्रमण्यम भारती जैसे महान लोग गीता से प्रेरित थे।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि वह स्वामी चिदभवानंद जी को श्रद्धांजलि देना चाहते हैं, जिन्होंने मन, शरीर, हृदय और आत्मा से अपना जीवन भारत के उत्थान के लिए समर्पित दिया। किंडल संस्करण को लॉन्च करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-बुक्स युवाओं में विशेष रूप से लोकप्रिय हो रही है। इसलिए यह प्रयास अधिक युवाओं को गीता के महान विचार के साथ जोड़ेगा।

    स्वामी चिदभवानन्द तमिलनाडु के चिरुचिरापल्ली स्थित तिरूपराथुरई में श्रीरामकृष्ण तपोवनम आश्रम के संस्थापक हैं। गीता पर उनका विद्वत्तापूर्ण कार्य इस विषय पर अब तक लिखी पुस्तकों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। गीता का तमिल संस्करण. जिसमें उनकी टिप्पणियां भी शामिल हैं, 1951 में प्रकाशित हुई थी। इसके बाद 1965 में उसका अंग्रेजी संस्करण प्रकाशित हुआ था।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleहरिद्वार कुंभ में पहला शाही स्नान जारी, 24 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किया स्नान
    Next Article अनंतनाग मुठभेड़ में जैश से जुड़े दो आतंकवादी ढेर
    sonu kumar

      Related Posts

      शराब घोटाले में बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरा, कहा- 3 साल पहले लिखे पत्र पर क्यों नहीं की कार्रवाई

      May 21, 2025

      यूपीएससी परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर दायरे में रहेगा निषेधाज्ञा

      May 21, 2025

      मुख्यमंत्री ने दुर्गा सोरेन की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

      May 21, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • हरियाणा के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर दी बधाई
      • शराब घोटाले की सीबीआइ जांच हो : सुदेश महतो
      • शराब घोटाले में बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरा, कहा- 3 साल पहले लिखे पत्र पर क्यों नहीं की कार्रवाई
      • यूपीएससी परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर दायरे में रहेगा निषेधाज्ञा
      • मुख्यमंत्री ने दुर्गा सोरेन की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version