झारखंड विधानसभा में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2022-23 के बजट पर केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह बजट सरसरी तौर पर प्रतिगामी और विकास को नकारने वाला प्रतीत होता है। यह कहीं से भी राज्य के लिए अपेक्षित विकास और चुनौतियों के लिए समीचीन नहीं कहा जायेगा।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि एक ओर संसाधन अभिवृद्धि में वित्तीय प्रबंधन नकारा सिद्ध हो रहा है, वहीं उपबंधित राशि के विनियोजन सही समय पर सफलतापूर्वक नहीं किये जाने के कारण जमीनी स्तर पर इसके आउटकम दिखाई नहीं पड़ता है। झारखंड में विकास की असीम संभावनाएं हैं, आवश्यकता इस बात की है कि समय सापेक्ष चुनौतियों को अपने आर्थिक प्रबंधन एवं सकल विनियोजन को साकार करने की। केंद्र सरकार ने जहां ससमय केंद्रीय करों, अंशदान एवं आर्थिक सहायता में कोताही नहीं बरती, वहीं राज्य सरकार कई मामलों में स्वकर राजस्व में भी पीछे है। इसके कारण उपबंधित राशि में कटौती दिखाई पड़ती है।