रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन सोमवार को विधायक बंधु तिर्की ने सदन में सचिवालय सहित राज्य सरकार के अन्य कार्यालयों में फर्जी नियुक्ति का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कैडर विभाजन के बाद बहुत से कर्मी ऐसे आए हैं जो काशी विद्यापीठ, देवघर से फर्जी डिग्री लेकर नौकरी कर रहे हैं। इतना ही नहीं ऐसे कर्मियों को चार से पांच प्रोन्नति मिल गयी है, जो लोग चपरासी के पद पर नियुक्त हुए थे। वे अब क्लास वन अधिकारी बन गए हैं। सरकार को अधिक वेतन देने पड़ता है। राजस्व की हानि हो रही हैं। ऐसे कर्मियों की जांच कर कर्रवाई हो।

इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि लिपिक के 15 प्रतिशत पदों पर निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक अहर्ता रखनेवाले समूह ‘घ’ के योग्य कर्मियों की सीमित प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा प्रोन्नति के आधार पर नियुक्ति का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि प्रोन्नति के लिए नियम बना हुआ है। यह कहना मुश्किल है कि डिग्री फर्जी है या नहीं। पर्टिकुलर किसी व्यक्ति का मामला है तो सदस्य बताएं, जांच कर कर्रवाई होगी। मंत्री ने कहा इसको दिखवा लेंगे।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version