यूक्रेन पर रूस के हमले के 25 दिन बाद भी जहां भीषण युद्ध जारी है। वहीं यूक्रेन के लाखों लोगों के देश से पलायन करने के साथ ही अब रूस के युवा भी दूसरे देश पलायन कर रहे हैं।

आर्मेनिया की राजधानी येरेवन में मास्को की 29 वर्षीय एक वेब डिजायनर पोलिना लोसेवा ने कहा कि यह ऐसा युद्ध है जिसके बारे में मैंने सोचा था कि यह कभी नहीं हो सकता। पोलिना रूस की एक निजी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी में काम करती हैं। उन्होंने कहा कि जब से यह शुरू हुआ है, मुझे अब लगता है कि सब कुछ संभव है। फेसबुक पर कुछ शब्दों के लिए वे लोगों को जेल में डाल रहे हैं। इसलिए रूस छोड़ना सुरक्षित था।

दरअसल, यह एक अलग तरह का पलायन है जिसमें हजारों युवा, शहरी और कहीं से भी काम करने में सक्षम बहुभाषीय पेशेवर शामिल हैं। इनमें से कई सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवर या सृजनात्मक उद्योगों में काम करने वाले फ्रीलांसर है। अधिकारियों के मुताबिक युद्ध शुरू होने से पहले आर्मेनिया में महज तीन से चार हजार रूसी कामगार के रूप में पंजीकृत थे। लेकिन पिछले दो हफ्तों से लगभग इतने ही रूसी प्रतिदिन इस छोटे से देश में आ रहे हैं। अभी दसियों हजार रूसी अन्य देशों में नया जीवन शुरू करने बारे में विचार कर रहे हैं।

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