शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती है। इंसान किसी भी उम्र शिक्षा ग्रहण कर सकता है। इसका उदाहरण मंगलवार को असम के बिश्वनाथ जिला में देखने को मिला, जहां पर 45 वर्ष की उम्र की तीन महिलाएं मैट्रिक की परीक्षा देने पहुंचे थे।
उल्लेखनीय है कि बिश्वनाथ जिला के बिश्वनाथ चाराली हाई स्कूल में तीन उम्रदराज परीक्षार्थियों मंगलवार को मैट्रिक की परीक्षा देने पहुंचे। बिश्वनाथ घाट के गढ़भीर गांव के शिक्षक अल्ताफ हुसैन की पत्नी बुलबुली खातून 45 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा देने के लिए पहुंची। जबकि बुलबुली खातून की बड़ी बेटी कला शाखा से स्नातक की फाइनल परीक्षा इस बार देगी।
वहीं बिश्वनाथ उच्च माध्यमिक विद्यालय में बुलबुली खातून के अलावा 45 साल की उम्र में दो और परीक्षार्थियों ने मैट्रिक की परीक्षा दी। बिश्वनाथ जिला के कुल 24 परीक्षा केंद्रों में इस बार 10823 छात्र-छात्राएं मैट्रिक की परीक्षा दे रहे हैं। इस बार तीन उम्रदराज लोगों द्वारा मैट्रिक की परीक्षा दिये जाने की चर्चा पूरे में बनी हुई है। तीनों उम्र दराज परीक्षार्थी आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता हैं। असम में मंगलवार से मैट्रिक की परीक्षा आरंभ हुई है।