शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 285 सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि इन स्कूलों में एक भी विद्यार्थी ने दाखिला नहीं लिया है। राज्य सरकार ने शून्य नामांकन वाले सरकारी स्कूलों को डिनोटिफाई कर दिया है। इनमें 57 मिडल व 228 प्राइमरी स्कूल शामिल हैं। शिमला जिला में 28 मिडल स्कूल और 56 प्राइमरी स्कूल बंद किये गए हैं।

शिक्षा विभाग के सचिव अभिषेक जैन ने शुक्रवार देर शाम इन स्कूलों को डिनोटिफाई करने की अधिसूचना जारी की। शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में इन स्कूलों में शून्य नामांकन पाए जाने पर राज्य सरकार ने इन्हें बंद करने का फैसला लिया है। पिछले दिनों हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इन स्कूलों को बंद करने पर मुहर लगी थी।

शिक्षा विभाग के नए मापदंड के अनुसार प्राइमरी स्कूल में कम से कम 10 बच्चे होना अनिवार्य है। इसके अलावा मिडल स्कूल को क्रियाशील रखने के लिए कम से कम 15 छात्र और हाई स्कूल के लिए ये संख्या 20 रखी गई है। जबकि सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कम से कम 25 छात्र होना जरूरी है।

कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद ऐसे शिक्षण संस्थानों की रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे, जिनमें शून्य नामांकन है। सुक्खू सरकार पूर्व भाजपा शासन के आखिरी महीनों में खुले लगभग 900 संस्थानों व कार्यालयों पर ताला लगा चुकी है। इस कड़ी में पिछले दिनों 19 कॉलेजों को बंद किया गया है।

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