नई दिल्ली। देश में इंफ्लूएंजा (फ्लू) के साथ कोरोना के मामले एक बार फिर से तेजी से बढ़ने लगे हैं। इसको लेकर शनिवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक राजीव बहल और स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संयुक्त रूप से राज्यों को कोरोना की स्थिति पर खास एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए हैं। राज्यों को लिखी गई चिट्ठी में सरकार ने कोरोना की जांच बढ़ाने और बीमारी के त्वरित और प्रभावी प्रबंधन के लिए जरूरी उपायों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।

पत्र में लिखा गया है कि फरवरी के मध्य में कोरोना मामले तेजी से बढ़े हैं। खासकर केरल (26.4 प्रतिशत), महाराष्ट्र (21.7 प्रतिशत), गुजरात (13.9 प्रतिशत), कर्नाटक (8.6 प्रतिशत) और तमिलनाडु (6.3 प्रतिशत) में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसको देखते हुए कोरोना के मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों को फिर से शुरू करने की आवश्यकता है। राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ईली) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (सारी) के मामले पर कड़ी नजर रखने की सलाह दी गई है।

पत्र में लिखा गया है कि कोरोना और इन्फ़्लुएंज़ा में कई समानताएं हैं। हालांकि सरल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन करके इन दोनों बीमारियों को आसानी से रोका जा सकता है। लोगों को भीड़भाड़ और खराब हवादार वातावरण से बचना, मास्क का प्रयोग करना, हैंड हाइजीन को बरकरार रखने की भी सलाह दी गई है।

पत्र में कोरोना के प्रबंधन के उपायों की जांच के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 10 और 11 अप्रैल को अस्पताल में मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा गया है। इसकी रूपरेखा सोमवार को जारी की जाएगी।

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