रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को राज्य के जिलों एवं कुछ प्रखंड मुख्यालयों में बने आईआईटी भवन के चालू हालत में नहीं होने से संबंधित डॉ. भीम प्रभाकर की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आईटीआई संस्थान कब तक शुरू कर दिया जाएगा और और यहां कब तक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने पैरवी की।

पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि आईटीआई भवन में इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति के लिए रूल फ्रेम कर दिया गया है। वर्ष 2008 से वर्ष 2010 के बीच राज्य के जिलों एवं कुछ प्रखंड मुख्यालय में श्रम नियोजन, रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से आईटीआई भवन बनाए गए थे। इन भवनों में आधारभूत संरचना यथा टेबल, कुर्सी, पंखा, स्टेशनरी आदि की भी खरीद कर ली गई है, लेकिन यह वर्षों से यूं ही पड़ा हुआ है और खराब हो रहा है। निर्मित आईटीआई भवनों के चालू हालत में नहीं रहने से यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि जल्द से जल्द इन आईटीआई भवनों को चालू किया जाए और वहां शिक्षकों की बहाली की जाए।

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