आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। राज्य में चिकित्सकों पर हो रहे हमले को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और झारखंड स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा) के संयुक्त आह्वान पर राज्य भर के चिकित्सक 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर हैं। डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार पर जाने से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी है। मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इलाज के लिए मरीज परेशान हैं। डाक्टरों के कार्य बहिष्कार से राजधानी रांची के रिम्स और सदर अस्पताल का ओपीडी पूरी तरह से ठप रहा। रिम्स के ओपीडी में लगभग हर रोज दो हजार के आसपास मरीज पहुंचते हैं, लेकिन बुधवार को ओपीडी में किसी का इलाज नहीं हुआ। कई मरीज रिम्स पहुंचे और मायूस होकर लौट गये। टिकट काउंटर पर भी ओपीडी का पर्चा नहीं कटा। हालांकि, रिम्स में इमरजेंसी सहित अन्य सेवाएं पूरी तरह से चालू थीं। रिम्स के पीआरओ डॉ राजीव रंजन ने बताया कि रिम्स का ओपीडी बंद था। हालांकि, अन्य सभी सेवाएं चालू थीं। किसी भी मरीज को कोई परेशानी ना हो, इसे लेकर इमरजेंसी पूरी तरह से एक्टिव थी। रांची के मेन रोड स्थित सदर अस्पताल का ओपीडी भी बुधवार को पूरी तरह से बंद रहा। सदर अस्पताल में दूर दराज से हर रोज लगभग 500 मरीज वहां पहुंचते हैं, लेकिन डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार की वजह से कई मरीज को वापस लौटना पड़ा। टिकट काउंटर पर भी ओपीडी का पर्चा नहीं काटा जा रहा था। काउंटर के अंदर मौजूद दीपक ने बताया कि सुबह से एक भी ओपीडी का पर्चा नहीं काटा गया है। ओपीडी पूरी तरह से बंद है, जबकि इमरजेंसी सहित अन्य सेवाएं पूरी तरह से चालू हैं। मौके पर सर्जरी विभाग के डॉ अजीत कुमार ने बताया कि राज्य में डाक्टरों के साथ लगातार हो रही मारपीट के विरोध में मजबूरन ओपीडी को ठप किया गया है। यह स्थिति नहीं होनी चाहिए। सदर अस्पताल की एचएम ने बताया कि ओपीडी बुधवार को पूरी तरह से बंद रहा। अन्य सेवाएं पूरी तरह से चालू थीं।