नई दिल्ली। विद्युत मंत्रालय ने पीक डिमांड सीजन के दौरान सभी उपलब्ध बिजली क्षमताओं के उपयोग के लिए एक अलग ‘हाई प्राइस डे अहेड मार्केट और सरप्लस पावर पोर्टल’ (पीयूएसएचपी) लांच किया है।
केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने कल नई दिल्ली में एक वर्चुअल समारोह में राज्य सरकारों और बिजली क्षेत्र के 200 से अधिक हितधारकों की उपस्थिति में पोर्टल का शुभारंभ किया।
उन्होंने बताया कि गर्मी के महीनों के दौरान पर्याप्त बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने की रणनीति के हिस्से के तौर पर पोर्टल को लांच किया गया है। साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि उचित दर पर बिजली क्षमता का बेहतर उपयोग हो सके।

पिछले साल बिजली विनियमन की कीमत 20 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंचने के चलते मंत्रालय के कहने पर केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने अधिकतम 12 रुपये प्रति यूनिट की सीमा तय की थी। हालांकि गैस कीमतों में बढ़ोतरी और विदेश आयातित कोयले के चलते कुछ प्लांट में बिजली उत्पादन कीमत 12 रुपये से प्रति यूनिट से अधिक रही। इसके चलते इन क्षमताओं का उपयोग नहीं हो पाया।
एचपी-डीएएम की कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए सिंह ने कहा कि किसी को भी अधिक कीमत वसूलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केवल वे उत्पादन क्षमताएं जिनकी बिजली उत्पादन की लागत 12 रुपये प्रति यूनिट से अधिक है, उन्हें ही एचपी-डीएएम में संचालन की अनुमति होगी। यदि उत्पादन की लागत 12 रुपये प्रति यूनिट से कम है, तो जनरेटर को पावर एक्सचेंज के इंटीग्रेटेड डे अहेड मार्केट (आई-डीएएम) में केवल 12 रुपये प्रति यूनिट की अधिकतम कीमत के साथ बिजली की पेशकश करनी होगी।

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