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    Home»Breaking News»खुद को लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं से ऊपर समझते हैं राहुल गांधी: शेखावत
    Breaking News

    खुद को लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं से ऊपर समझते हैं राहुल गांधी: शेखावत

    azad sipahiBy azad sipahiMarch 27, 2023No Comments4 Mins Read
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    जोधपुर, 27 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी व राहुल गांधी और उनका परिवार स्वयं को इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं से ऊपर समझने लगे हैं। इसलिए वे न्यायपालिका के फैसले का भी सम्मान नहीं कर रहे हैं। गांधी और कांग्रेस में उनके नेताओं को लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजाक उड़ाने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।

    केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत संयुक्त राष्ट्र्र में विश्व जल सम्मेलन से लौटने के बाद सोमवार को यहां पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी को जब से मानहानि के प्रकरण में सजा मिली है और उसके बाद जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधानों के चलते लोकसभा से उनकी सदस्यता समाप्त हुई, तब से वे और उनकी पार्टी के नेता अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। यहां तक कि कई नेता न्यायपालिका और संसद पर ही टिप्पणियां करके ऐसा जता रहे हैं, मानो गांधी परिवार इस देश के संविधान, न्यायपालिका और अन्य सभी व्यवस्थाओं से ऊपर हैं।

    पहली गलती से नहीं लिया सबक
    शेखावत ने कहा कि राहुल गांधी आदतन अपराधी की तरह काम कर रहे हैं। जब वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी उसके बाद भी वे अनर्गल आरोप लगाते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में माफी मंगाने के बाद उन्होंने अपने आपको बचाया था, लेकिन उन्हें याद करना होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने उस समय कहा था कि वे भविष्य में इस तरह की गलती नहीं करें। ऐसा यदि एक ही बार हुआ होता तो शायद देश उन्हें माफ कर सकता था, लेकिन हर बार वे बड़ी गलती करते हैं।

    अदालत ने दिया था माफी मांगने का मौका
    केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि इस मामले में न्यायालय ने सजा सुनाने से पहले उन्हें माफी मांगने का मौका दिया था, लेकिन वे अहंकार में इतना डूबे थे कि उन्होंने माफी मांगना भी अपना अपमान समझा। न्यायालय के माफी मांगने के लिए दिए गए मौके का उन्होंने अनादर किया। अब सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस नेता न्यायपालिका और न्यायाधीश की क्षमता पर ही प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहे हैं।

    राहुल ने किया ओबीसी वर्ग का अपमान
    उन्होंने कहा कि राहुल ने देश के प्रधानमंत्री को जाति सूचक अपमान भरे शब्दों से संबोधित किया। साथ ही, पूरे समाज को लेकर टिप्पणी की, जिससे देश का पूरा ओबीसी वर्ग आहत हुआ है। इसी आहत भावना के चलते जो वाद दायर किया था, उसका भाजपा और भाजपा सरकार से कोई लेना-देना नहीं था। मामला 2018 से चल रहा था, लेकिन मामले में राहुल गांधी ने अपना पक्ष ठीक से नहीं रखा। अदालत ने माफी का अवसर दिया था, वह भी नहीं मांगी।

    लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का अपमान कर रही कांग्रेस
    शेखावत ने कहा कि अब इस फैसले के बाद कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ अमर्यादित बातें कही जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मोहर लगाई है कि किसी भी सांसद को दो साल या इससे अधिक की सजा मिलने पर उसकी सदस्यता स्वत: ही खत्म हो जाएगी। इस पर लोकसभा अध्यक्ष के पास किसी भी प्रकार का विवेकाधीन अधिकार नहीं है। गांधी परिवार अहंकार में है और अपने आपको व्यवस्थाओं से ऊपर समझता है।

    वीर सावरकर को समझने के लिए अंडमान जाएं राहुल
    केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने वीर सावरकर का नाम अप्रासंगिक रूप से घसीटा है। इससे उनके करोड़ों समर्थकों को ठेस पहुंची है। राहुल यदि सावरकर को जानना चाहते हैं तो एक बार अंडमान की कालकोठरी में जाकर बैठिए। वे दीवारें आज भी सावरकर की यातनाओं की साक्षी है। शेखावत ने कहा कि राहुल गांधी देश के बाहर जाकर देश का अपमान करते हैं। प्रधानमंत्री को हटाने में सहयोग मांगते हैं। सेना का मनोबल गिराते हैं। ऐसे लोग लोकतंत्र के लिए खतरा है।

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