पूर्व डीएसपी नूर मुस्तफा ने दोषियों की उम्र कम कर बचाने की कोशिश की थी, उसके ऊपर राज्य सरकार ने कार्रवाई नही की
रांची। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष आरती कुजूर ने अंकिता हत्याकांड में दोषियों के आजीवन कारावास की सजा का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से यह आग्रह भी करते हैं कि उच्च न्यायलय में सरकार अपील करे कि ऐसे दुर्दांत अपराधियों को फांसी की सजा हो।
कहा कि झारखंड की बेटियों की इज्जत लूटने और जान लेने पर उतारू लोगो को फांसी की सजा हो। पेट्रोल छिड़क कर जिस बच्ची अंकिता की हत्या हुई थी, यह एकमात्र ऐसी घटना नहीं है। इस तरह से प्रदेश में छह हजार से ज्यादा बच्चियों की बलात्कार एवं हत्या हुई है। उनके साथ भी ऐसी भयावह घटना हुई है।
कहा कि अंकिता हत्याकांड में डीएसपी नूर मुस्तफा ने अंकिता को बालिग दिखाया और शाहरुख की उम्र नाबालिग दिखायी थी। उनकी मंशा यह थी कि शाहरुख को सजा नही हो। लेकिन भाजपा ने इस हत्याकांड पर जोरदार आंदोलन पूरे प्रदेश में किया, आंदोलन जोर पकड़ा, तब डीएसपी ने उम्र को सुधार कर शाहरुख को बालिग किया।
श्रीमती कुजूर ने सरकार से पूछा कि वह बताये कि उस डीएसपी पर क्या कार्रवाई हुई, जिसने इतना बड़ा अपराध किया था और हम पूछना चाहते हैं कि किसके कहने पर डीएसपी ने उम्र में छेड़छाड़ की थी।
कहा कि राज्य सरकार तुष्टिकरण और वोट बैंक की नीति से बाहर निकल कर अंकिता के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाएं।
कहा कि राज्य सरकार बताये कि एसटी-एससी की कितनी बच्चियों एवं महिलाओं के साथ दुष्कर्म एवं हत्या की घटनाएं हुर्इं। कितने केस में फास्ट ट्रैक का गठन किया गया, कितनों पर कार्रवाई की गयी। इसमें सरकार की उदासीनता साफ दिखती है, क्योंकि वे सभी पीड़िता गरीब परिवार से आती हैं। कहा कि रुबिका पहाड़िया, जिसको 50 से ज्यादा टुकड़ों में काट दिया गया था, उसके हत्यारे भी आज जेल से बाहर आकर खुले में घूम रहे हैं।
कहा कि हत्यारे शाहरुख का तार प्रतिबंधित बांग्लादेशी संगठन अंसार उल बंगला से भी जुड़ा होने की बात सामने आयी थी। इस मामले को भी दबा दिया गया। कहा कि अंकिता हत्याकांड के तुरंत बाद दुमका में ही 14 वर्षीय नाबालिग आदिवासी को अरमान अंसारी ने लव जेहाद के नाम पर फंसा कर गर्भवती किया और उसके बाद उसकी हत्या कर पेड़ पर लटका दिया।