पलामू। हाल के दिनों में छत्तरपुर-पाटन थाना क्षेत्र के अंतर्गत हत्या तथा लूट की घटनाएं बढ़ी हैं। इन अपराधिक घटनाओं का उदभेदन करने में पुलिस अभी तक विफल है। अपराधियों के विरूद्ध कार्रवाई करने में पुलिस की निष्क्रियता, लापरवाही के कारण जनता के बीच उसकी छवि धूमिल हुई है। छत्तरपुर-पाटन थाना पुलिस की संदिग्ध कार्य प्रणाली और दक्षता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। उक्त बातें पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर ने कही।

गुरुवार को एक प्रेस बयान में उन्होंने कहा कि प्रश्न उठता है कि पुलिस पदाधिकारी निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार काम करेंगे या अपने मन मुताबिक? यह जांच का विषय है कि इन कांडों का पर्यवेक्षण हुआ है कि नहीं? यदि हुआ है तो पर्यवेक्षण में दिए गए निदेशों का अनुपालन हुआ या नहीं। छत्तरपुर-पाटन पुलिस का गैर जिम्मेदाराना और मनमानीपूर्ण व्यवहार का सीधा असर कानून के शासन पर पड़ सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि छत्तरपुर-पाटन पुलिस के समक्ष नैतिक पुलिसिंग का कोई अर्थ नहीं है।

विदित है कि 19 जनवरी, 2024 को छत्तरपुर थाना से सटे शुभम गुप्ता की हत्या कर दी गई। इस घटना का उदभेदन अभी तक पुलिस नहीं कर पायी। तुकतुका के मिथलेश यादव की हत्या 2023 में कर दी गई थी। प्राथमिकी सं. 23/2023 में पुलिस द्वारा नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

छत्तरपुर के मदनपुर गांव के निवासी नरेश ठाकुर की हत्या कर दी गई। मृतक नरेश ठाकुर की पत्नी मुनी देवी ने पुलिस अधीक्षक को लिखित पत्र देकर हत्या का कारण तथा संलिप्त व्यक्तियों के बारे में जानकारी दी थी। छत्तरपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी के द्वारा स्व. नरेश ठाकुर की मौत का कारण सड़क दुर्घटना की संभावना बताकर अपराधियों के विरूद्ध कोई कारवाई नहीं की गयी। जानकारी के अनुसार स्व. ठाकुर की मौत सिर में गोली लगने के कारण हुई है।

पाटन थाना के बसदह गांव के रहने वाले रामकिशुन यादव की हत्या कर दी गई। प्राथमिकी में तीन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। पाटन पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरतारी के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

छत्तरपुर थाना अंतर्गत खजुरी ग्राम के ग्राहक सेवा केन्द्र से करीब 4.5 लाख तथा 22 मार्च, 2024 को पड़वा ग्रामीण बैंक से लगभग 5.5 लाख की लूट हो गई, पुलिस अभी तक लुटेरों का पता नहीं लगा सकी हैं।

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