रांची। झारखंड हाई कोर्ट में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर की गंभीर स्थिति को देखते हुए कोर्ट द्वारा लिए गए स्वत: संज्ञान की सुनवाई हुई। मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि झारखंड में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इस संबंध में कोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
कोर्ट ने सरकार से राज्य के सरकारी अस्पतालों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए किए गए उपाय के बारे में भी जानकारी मांगी है। इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि झारखंड के सुदूर ग्रामीण इलाकों में सांप के काटने से होने वाली मौत को रोकने के लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटर, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर आदि सरकारी अस्पतालों में सांप के काटने की दवा की क्या व्यवस्था है? मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
अखबार में छपी खबर के अनुसार पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को लेकर हाई कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया था। इसी दौरान कोर्ट के समक्ष यह बात सामने आई थी कि राज्य के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में चिकित्सकों, दवा समेत अन्य स्टाफ की कमी है।