भाजपा आर्थिक और राजनीतिक सुचिता के लिए संकल्पित
इलेक्ट्रोल बांड के जरिये व्हाइट मनी से चुनाव को फंड करने का एक सार्थक प्रयास है
रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कांग्रेस देश में भ्रष्टाचार की जननी रही है। पहले कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल चुनाव संबंधी लेन-देन कच्चे पैसे में करते थे। यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम था। अटल बिहारी वाजपेई के समय में इनकम टैक्स कानून में संशोधन करके चुनाव में चंदा देने वाले कॉरपोरेट्स को टैक्स में रियायत देने की सार्थक पहल हुई।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में इलेक्ट्रोल बांड लाकर चुनाव में राजनीतिक पार्टियों को व्हाइट मनी के जरिये चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करने का सार्थक प्रयास किया गया। इलेक्ट्रोल बांड एक पारदर्शी सिस्टम का बेहतरीन नमूना था। जहां स्टेट बैंक से किसी व्यक्ति या कॉरपोरेट इलेक्ट्रोल बांड खरीद सकता था और उसकी पूरी जानकारी उसे स्टेट बैंक को उपलब्ध करानी पड़ती थी। 15 दिनों के भीतर इसे इलेक्ट्रोल बांड को अपने पसंद के राजनीतिक दल को देना पड़ता था। भ्रष्टाचार की आदत लग चुकी कांग्रेस को यह पारदर्शी सिस्टम पसंद नहीं आया। इसलिए अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। यद्यपि चुनाव बांड का मामला कोर्ट में है और आर्थिक शुचिता पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए और अपेक्षित सुधार की गुंजाइश है।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि भाजपा और भाजपा के सहयोगी दलों की सरकार 18 प्रदेशों में है। भाजपा के 303 सांसद हैं। कांग्रेस महज दो तीन प्रदेशों में है। फिर भी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा को 6000 करोड़ के आसपास इलेक्टरल बांड से प्राप्त हुआ है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के आंकड़ों को मिला दें तो यह 3000 करोड़ हो जाता है। इससे स्पष्ट दिख रहा है कि वजूद नहीं होने के बावजूद भी आज भी कांग्रेस शेल कंपनी के जरिये अपनी फंडिंग करवा रही है।