रांची। झारखंड बिजली वितरण निगम की ओर से समय-समय पर छापेमारी अभियान चलाया जाता है। इस अभियान में अधिक बिजली बिल बकायेदारों और बिजली चोरी करने वालों पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन सरकारी कार्यालयों के बिजली बिल बकाया होने पर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इन कार्यालयों से नोटिस के जरिये ही बिजली बिल भुगतान करने की गुजारिश की जाती है।

झारखंड बिजली वितरण निगम की मानें तो सिर्फ राजधानी में कई ऐसे सरकारी कार्यालय है जहां बिजली बिल 52 लाख से भी अधिक है। इसमें कुछ धार्मिक स्थल भी शामिल है। लेकिन इनसे बिजली बिल सख्ती से नहीं वसूलती। इसमें सबसे अधिक बिजली बिल बकाया रांची एसएसपी कार्यालय 5 लाख 24 हजार रुपए है। पूर्व मंत्री लुईस मंत्री के आवास का बिल 15 लाख, आड्रे हाउस का 52 लाख, रांची नगर निगम का 30 लाख बिजली बिल बकाया है।
इसके साथ ही कांके स्थित कृषि भवन, आइएएस पूजा सिंघल आवास समेत अन्य कार्यालयों और सरकारी आवासों का बकाया अधिक है। बता दें बिजली वितरण निगम की ओर से सभी जिलों के सरकारी कार्यालयों और आवासों के बिजली बिल बकाया सूची तैयार की गयी है। जिसके बाद इन कार्यालयों और आवासों को नोटिस भेजा जायेगा।

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