रांची। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच नेताओं का पाला बदलने का दौर भी लगातार जारी है। इन सबके बीच हाल ही में सत्तापक्ष और विपक्ष के दो विधायक सार्वजनिक रूप से पाला बदल चुके हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा से नाराज होकर भाजपा का दामन थामने वाली जामा विधायक सीता सोरेन और भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए मांडू विधायक जेपी पटेल को लेकर अब तक कोई एक्शन विधानसभा की ओर से नहीं हुआ है।
सीता सोरेन ने 19 मार्च को स्पीकर को ई-मेल के जरिए इस्तीफा भेजा गया था जबकि जेपी पटेल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। जेपी पटेल के कांग्रेस में जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने आपत्ति जताते हुए विधानसभा से दल बदल के तहत कार्रवाई करने की मांग पिछले दिनों की थी लेकिन लिखित रूप से अब तक कोई स्पीकर न्यायाधिकरण में केस नहीं दर्ज हो पाया है।
प्रावधान के अनुसार इस तरह के मामले में सदन में भाजपा के विधायक दल के नेता होने के नाते सबसे पहले उन्हें लिखित शिकायत करनी होगी। इसके बाद मुख्य सचेतक और फिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की ओर से लिखित शिकायत हो सकती है। जामा विधायक सीता सोरेन के द्वारा स्पीकर के समक्ष विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिए हुए एक सप्ताह हो चुके हैं लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है।
इस संबंध में विधानसभा के संयुक्त सचिव मधुकर भारद्वाज कहते हैं कि विधानसभा कार्य संचालन नियमावली 316 के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष को किसी सदस्य के इस्तीफा पर विवेकाधिकार निर्णय लेने का अधिकार है। इसके लिए विधानसभा के कोई भी निर्वाचित सदस्य फैक्स, ईमेल या लिखित कॉपी स्पीकर को सौंप सकते हैं।
इन सबके बीच सीता सोरेन को भाजपा ने दुमका सीट से लोकसभा के लिए सुनील सोरेन की छुट्टी करते हुए प्रत्याशी बनाने की घोषणा की है। ऐसे में सीता सोरेन के इस्तीफा लंबित होने से सवाल उठने शुरू हो गए हैं। इसके पहले गांडेय से झामुमो विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा रविवार होने के बावजूद कुछ घंटे के अंदर स्वीकार कर अधिसूचना जारी कर दी गई थी।