रांची। राज्य सरकार से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने शाहरुख और नईम को झारखंड हाई कोर्ट से मृत्युदंड की सजा दिलाने की अपील की है। एनसीपीसीआर के चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो ने इस संबंध में सोशल मीडिया के जरिए सरकार से अनुरोध किया है।

प्रियंक ने कहा है कि झारखंड के दुमका में अगस्त 2022 में यौन शोषण से इंकार कर देने पर खिड़की से पेट्रोल डालकर घर में सो रही बच्ची को जिंदा जलाकर मार देने वाले शाहरुख और नईम को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा दी है। इन अपराधियों के समर्थन में बांग्लादेश के कट्टर इस्लामिक संगठनों ने सोशल मीडिया कैंपेन चलाया था।

एनसीपीसीआर के चेयरपर्सन ने कहा कि आयोग द्वारा इस मामले की जांच रिपोर्ट में इन अपराधियों के अवैध बंगलादेशी घुसपैठिया होने का संदेह व्यक्त किया गया था। दुर्भाग्य से राज्य सरकार ने इस मामले में कोई पुख्ता जांच नहीं की और न ही न्यायालय को इस तथ्य से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि ऐसे वहशियों का समाज में कोई स्थान नहीं है। राज्य सरकार को राजधर्म निभाना चाहिए। दोनों को मृत्युदंड दिलाने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में अपील करनी चाहिये।

उल्लेखनीय है कि दुमका के जरुवाडीह मुहल्ले में 23 अगस्त, 2022 को आरोपित शाहरुख हुसैन एवं नईम उर्फ छोटू खान ने अंकिता सिंह को खिड़की से पेट्रोल छिड़ककर जला दिया था, जिससे उसकी मौत 27 अगस्त को रिम्स, रांची में इलाज के दौरान हो गई थी। इस मामले की छानबीन करने के लिए 10 सदस्यीय एसआईटी टीम का गठन किया गया था। इसके बाद दोनों को दोषी पाते हुए प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो रमेश चंद्रा की अदालत ने गुरुवार को दोषी शाहरुख हुसैन और मो नईम अंसारी उर्फ छोटू को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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