रांची। श्री मरांडी ने राज्य सरकार को हिंदू विरोधी बताते हुए कहा कि उनकी आशंका सही साबित हुई। कहा कि उन्होंने आशंका व्यक्त की थी कि होली के दिन गिरिडीह के घोड़थंबा में हुई हिंसा मामले में प्रशासन उपद्रवियों का बचाव करते हुए मामले को संतुलित दिखाने के लिए पीड़ित हिंदू पक्ष पर कार्रवाई कर सकती है।
कहा कि अब इस मामले में दर्ज एफआइआर को देखने से ऐसा लगता है जैसे यह कोई शिकायतवाद नहीं, बल्कि हिंदुओं पर हुए हमले का एक पूर्व नियोजित खाका हो। कहा कि एफआइआर में जिस प्रकार से घटना को वर्णित किया गया है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस-झामुमो के शासन में हिंदुओं ने होली मनाकर कोई अपराध कर दिया है। यदि हिंदू अपना त्योहार मनायेंगे तो उनपर बोतल बम और पत्थर से हमला होगा, फिर उसके बाद घटना का दोषी बताते हुए उनपर ही मुकदमा भी दर्ज होगा।

कहा कि यह एफआइआर पूरी तरह तुष्टिकरण से प्रभावित है, जिसमें राज्य सरकार की हिंदूविरोधी मानसिकता स्पष्ट नजर आती है। सिर्फ पीड़ित हिंदू पक्ष को कटघरे में खड़ा कर उन्हें ही दोषी ठहराये जाने की सुनियोजित साजिश रची गयी है। घटना के असली गुनहगारों को बचाने की पटकथा (एफआइआर)लिखकर सरकार ने उपद्रवियों का मनोबल बढ़ाने और भविष्य में हिंदुओं के ऊपर ऐसे ही हिंसक हमले करने के लिए प्रेरित किया है।

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