नई दिल्ली। ओपेक और इसके सहयोगी देश द्वारा क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) के उत्पादन में बढ़ोतरी करने का संकेत दिए जाने के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत पर दबाव बना हुआ है। इसकी वजह से आज क्रूड ऑयल 3 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। ब्रेंट क्रूड फिलहाल 71 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से भी नीचे गिर कर 70.91 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह डब्ल्यूटीआई क्रूड भी 68 डॉलर के स्तर से नीचे फिसल कर 67.81 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
बताया जा रहा है कि ओपेक और इसके सहयोगी देशों के बीच क्रूड ऑयल का उत्पादन बढ़ाने की बात को लेकर सहमति बन गई है। इन देशों द्वारा अप्रैल महीने से क्रूड ऑयल के उत्पादन में बढ़ोतरी की जा सकती है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार रूस और सऊदी अरब क्रूड ऑयल के उत्पादन में प्रतिदिन 1.38 लाख बैरल की बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसी तरह ओपेक के दूसरे सदस्य देशों द्वारा भी कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी किए जाने का अनुमान है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओपेक और इसके सहयोगी देशों द्वारा उत्पादन में बढ़ोतरी करने पर कच्चे तेल के दाम में और भी गिरावट आ सकती है। माना जा रहा है कि सऊदी अरब और रूस समेत दूसरे सभी तेल उत्पादक देशों द्वारा कुल मिलाकर अगर प्रतिदिन 2.25 लाख बैरल क्रूड ऑयल का भी अतिरिक्त उत्पादन किया जाता है, तो इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत 55 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक भी जा सकती है। ऐसा होने पर अपनी जरूरत के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर रहने वाले भारत जैसे देशों को काफी राहत मिलेगी।