रामगढ़। झारखंड के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ रजरप्पा मां छिन्नमस्तिका मंदिर में चैती नवरात्र की शुरुआत हो गई है। रविवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार दर्शन के लिए लग गई। नवरात्रि में माता छिन्नमस्तिका का दर्शन और पूजन कर श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं। चैत्र नवरात्र को लेकर मंदिर न्यास समिति और जिला प्रशासन के जरिये तैयारियां की गई है। मंदिर को बेहद आकर्षक तरीके से सजाया गया है। श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए भी व्यवस्था की गई है। माता का भोग प्रसाद भी श्रद्धालुओं को मिलेगा। झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ से भी श्रद्धालु रजरप्पा मंदिर आते हैं और मां की आराधना करते हैं।

अमावस्या से ही लगने लगी है श्रद्धालुओं की भीड़
चैती नवरात्रा में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा रजरप्पा मंदिर में होती है सिद्ध पीठ होने की वजह से श्रद्धालु अमावस्या के दिन भी होने वाले विशेष पूजन में शामिल होते हैं। नवरात्र से एक दिन पहले ही श्रद्धालु रजरप्पा पहुंचते है। अमावस्या के दिन आयोजित होने वाले विशेष पूजन संध्या आरती में लोगों ने हिस्सा लिया पुजारी सुभाशीष पांडा ने बताया कि इस चैत्र नवरात्रि में मां हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। जिसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मां के पूजन से लोगों की मनोकामना पूर्ण होगी।

रजरप्पा मंदिर और पार्किंग में भी होगी सुरक्षा की व्यवस्था
रजरप्पा आने वाले श्रद्धालुओं को पूजा करने में परेशानी नहीं हो इसके लिए मंदिर न्यास समिति ने पूरी व्यवस्था की है। लेकिन श्रद्धालुओं को पूरी सुरक्षा मिले इसके लिए पुलिस ने भी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। मंदिर प्रांगण बाहरी क्षेत्र और यहां तक की पार्किंग में भी पुलिस मौजूद रहेगी।

रामगढ़ एसपी अजय कुमार ने बताया कि मंदिर के पास पुलिस की व्यवस्था तो है ही, रजरप्पा थाने को भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा में लगे रहने का विशेष निर्देश दिया गया है। नवरात्र में वीआईपी मूवमेंट भी होता है, इसका भी ख्याल रखा जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर के चारों तरफ शेड लगाए गए हैं, ताकि भक्तों को चिलचिलाती धूप में भी किसी प्रकार की परेशानी न हो। दूर-दूर से आने वाले भक्तों के लिए धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था की गई है। सभी हवन कुंडों की सफाई की गई है ताकि यहां आने वाले भक्त और श्रद्धालु पूजा हवन कर सकें।

रजरप्पा में चार नवरात्रों में होती है मां की आराधना
मंदिर के पुजारी सुभाशीष पांडा ने बताया कि रजरप्पा मां छिन्नमस्तिका दरबार में पूरे वर्ष में चार नवरात्रों में मां की आराधना की जाती है। इसमें दो नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के रूप में जाना जाता है। शारदीय और चैत्र नवरात्रि में भव्य रूप से पूजा अर्चना की जाती है। इस अवसर पर मां की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है। इस बार माता दुर्गा का आगमन गज यानी हाथी पर हो रहा है। इसे बहुत ही शुभ माना जाता है और लोगों के घरों में सुख-समृद्धि आएगी।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version